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Jabalpur News मानहानि प्रकरण: पूर्व सीएम शिवराज सिंह व अन्य की याचिका पर सुनवाई पूरी
Jabalpur News। राज्यसभा सदस्य व वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा द्वारा जिला अदालत में दायर किए गए आपराधिक अवमानना व 10 करोड़ रुपये की मानहानि को चुनौती देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। शनिवार को जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले पर करीब दो घंटे तक दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं। श्री तन्खा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल व अधिवक्ता हरजस छाबड़ा ने पैरवी की, वहीं शिवराज व अन्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने पक्ष रखा।
गौरतलब है िक वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने मध्य प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव मामले में परिसीमन और रोटेशन की माँग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी तो उक्त भाजपा नेताओं ने साजिश करते हुए इसे गलत ढंग से पेश किया। सीएम शिवराज सिंह, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह ने गलत बयान देकर ओबीसी आरक्षण पर रोक का ठीकरा उनके सिर फोड़ दिया, जिससे उनकी छवि व अदालत की गरिमा को ठेस पहुँची है। इसे लेकर श्री तन्खा ने उक्त नेताओं के खिलाफ जिला अदालत जबलपुर में आपराधिक अवमानना और मानहानि का प्रकरण दायर िकया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ गलत और अपमानजनक टिप्पणियाँ की थीं, जो एक अधिवक्ता के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाने वाली थीं। श्री तन्खा का कहना है कि यह मानहानि का मामला उन्होंने एक नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक अधिवक्ता के रूप में दायर किया है और उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि इस मामले में नजीर पेश की जाए। निचली अदालत से तीनों नेताओं को समन और वारंट जारी हुए थे और उन्हें हाजिर होने कहा गया था। इसी से क्षुब्ध होकर शिवराज सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट ने पूर्व में उक्त नेताओं के खिलाफ वारंट पर रोक लगा दी थी। भाजपा नेताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने दलील दी िक उनके बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उनका मकसद किसी की मानहानि का नहीं था। वहीं श्री तन्खा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी िक किसी भी अधिवक्ता के ऊपर कोर्ट के बाहर व्यक्तिगत हमले करना या उन पर लांछन लगाना न केवल गलत है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन भी है।
मैं आज की सुनवाई से काफी संतुष्ट हूँ। मुझे उम्मीद है कि अदालत इस मामले में एक मजबूत नजीर पेश करेगी, ताकि भविष्य में कोई नेता इस तरह की बयानबाजी न कर सके।
-विवेक तन्खा, वरिष्ठ अधिवक्ता
Created On :   21 Sept 2024 11:36 PM IST