- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- तीन साल में नहीं हो पाए पीएचडी...
Jabalpur News: तीन साल में नहीं हो पाए पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम
- रादुविवि: अभी भी बनी है असमंजस की स्थिति, सैकड़ों छात्र हो रहे परेशान, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
- एक सप्ताह के भीतर कार्य परिषद की बैठक के मिनिट्स जारी हो जाएंगे।
- विश्वविद्यालय के पुराने ऑर्डिनेंस के तहत सिर्फ जेआरएफ उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ही पीएचडी प्रवेश में छूट थी।
Jabalpur News: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में पिछले 3 वर्षों से पीएचडी प्रवेश परीक्षा नहीं हो पाई है, जिसके चलते सैकड़ों छात्र परेशान हैं। अब विश्वविद्यालय की कार्य परिषद ने एग्जाम कराने की स्वीकृति प्रदान कर दी है उसके बावजूद असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 25 अक्टूबर 2024 को जारी अधिसूचना के अनुसार नवंबर माह में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया शुरू होनी थी।
परंतु जनवरी 2025 तक भी यह प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हो सकी है, जिससे अभ्यर्थी असमंजस की स्थिति में हैं और उनके बीच असंतोष व्याप्त है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले केवल यूजीसी-नेट जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को पीएचडी प्रवेश में छूट देने का निर्णय लिया था।
इसके बाद तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जिसने सुझाव दिया कि पीएचडी प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय डॉक्टोरल एंट्रेंस टेस्ट (डीईटी) आयोजित करे।
यूजीसी ने जारी किया पत्र
इसी वर्ष मार्च में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का एक पत्र जिसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव ने भारतीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को प्रेषित किया है।
पत्र में कहा गया है कि विश्वविद्यालय अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता एवं अनुसंधान के स्तर को बनाए रखने के लिए यूजीसी नेट परिणामों को पीएचडी प्रवेश के लिए मान्यता दें। राष्ट्रीय शीशा नीति को अपनाते हुए पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया के केवल एक ही लिखित परीक्षा यानी यूजीसी नेट को ही मान्यता प्रदान करें।
यूजीसी ने इस वर्ष से यूजीसी नेट में तीन श्रेणियों के परिणाम जारी किए हैं
1.जेआरएफ – सहायक प्राध्यापक, पीएचडी और स्कॉलरशिप के लिए।
2.नेट – सहायक प्राध्यापक और पीएचडी के लिए।
3.ओनली पीएचडी – केवल पीएचडी प्रवेश के लिए।
इससे पहले विश्वविद्यालय के पुराने ऑर्डिनेंस के तहत सिर्फ जेआरएफ उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ही पीएचडी प्रवेश में छूट थी। लेकिन नए दिशा-निर्देशों के बाद नेट और ओनली पीएचडी कैटेगरी में सफल अभ्यर्थियों की स्थिति अस्पष्ट है। इस असमंजसपूर्ण स्थिति में नेट और ओनली पीएचडी श्रेणी के अभ्यर्थियों को दोबारा विश्वविद्यालय के प्रवेश परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा।
वहीं, यूजीसी के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की देरी और प्रक्रिया में स्पष्टता की कमी से अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विश्वविद्यालय यूजीसी के दिशा-निर्देशों को कैसे लागू करता है और अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रक्रिया को कब तक शुरू करता है।
जल्द शुरू होगी प्रक्रिया
एक सप्ताह के भीतर कार्य परिषद की बैठक के मिनिट्स जारी हो जाएंगे। इसके साथ ही परीक्षा की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगा।
- डॉ सुरेंद्र सिंह,प्रभारी कुलसचिव रादुविवि
Created On :   24 Jan 2025 6:00 PM IST