फ्लाईओवर 'रानी दुर्गावती ' के नाम, एयरपोर्ट का भेजेंगे प्रस्ताव

वीरांगना रानी दुर्गावती के 461वें बलिदान दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कहा- कि रानी दुर्गावती को अद््भुत व्यक्तित्व के लिए जाना जाता है

डिजिटल डेस्क जबलपुर। वीरांगना रानी दुर्गावती के 461वें बलिदान दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि रानी दुर्गावती को अद््भुत व्यक्तित्व के लिए जाना जाता है। उनके द्वारा सुशासन के सारे मापदंड पूरे किए गए। उन्होंने अपने राज्य की रक्षा के लिए न सिर्फ 52 युद्ध लड़े, बल्कि मुगल शासक अकबर को भी तीन बार हराया। विगत 500 वर्ष का इतिहास रानी दुर्गावती का अदम्य शौर्य एवं साहस का प्रतीक है। वेटरनरी कॉलेज परिसर में रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर आयोजित पुण्य स्मरण समारोह में सीएम ने प्रदेश के सबसे बड़े फ्लाईओवर का नाम रानी दुर्गावती के नाम पर किए जाने की घोषणा की, साथ ही जबलपुर स्थित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का नाम भी रानी दुर्गावती के नाम पर किये जाने के लिये भारत सरकार को प्रस्ताव भेजने की बात कही। रानी दुर्गावती के जीवन से संबंधित विविध पक्षों को सामने लाने के लिये पाँच लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान करने का भी निर्णय लिया है। इस दौरान राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीक, महापौर जगत बहादुर अन्नू, विधायक अजय विश्नोई, सुशील इंदू तिवारी, अशोक रोहाणी, डॉ. अभिलाष पांडे, संतोष बरकड़े, नीरज सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष आशा गोंटिया आदि मंचासीन रहे।

समाज के सामने लाएँगे वीरगाथा

वीरांगना रानी दुर्गावती की वीरगाथा को पाठ्यक्रम में शामिल करने के साथ ही विभिन्न सेमिनार कार्यक्रमों के माध्यम से इनके जीवन को समाज के सामने लाया जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये कहा कि हमारे लिए यह गर्व की बात है कि वीरांगना रानी दुर्गावती ने अपने पराक्रम से शेरशाह सूरी एवं मालवा के शासक बाज बहादुर के भी दाँत खट्टे किए। उनके इस शौर्य एवं पराक्रम को दुनिया के सामने लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि रानी दुर्गावती एक रानी के साथ ही माँ के रूप में पूजी जाती हैं, क्योंकि उन्होंने समाज के सभी वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनायें बनाईं। उनके सुशासन जनोन्मुखी शासन व्यवस्था में 52 तालाबों का निर्माण कर जल प्रबंधन का नवाचार कराया। अपने शासन काल में अपनी प्रजा एवं अपने सहयोगियों का भी ख्याल रखा। इसी कड़ी में उन्होंने अपने सहयोगी के नाम से अधारताल, सहेली के नाम पर जबलपुर में चेरीताल बनवाया, साथ ही अनेक जल संरचनायें बनवाईं। उनके द्वारा बनाये ताल, जल संरचनायें ही नहीं, बल्कि एक जीवन है। उन्होंने बताया कि जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत तालाबों की सफ़ाई एवं जीर्णोद्धार का कार्य समूचे प्रदेश में 30 जून तक किया जाएगा।

इतिहास में नहीं मिली अहमियत

सीएम ने कहा कि भारतीय इतिहास में उनके द्वारा किए गए कार्यों को जो अहमियत मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिली। भारतीय संस्कृति, सभ्यता और परंपराओं के सम्मान व रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाली रानी दुर्गावती के इस योगदान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहडोल आकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और यहाँ प्रधानमंत्री ने उनकी 500वीं जन्म जयंती को धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया है। उनके प्रति सम्मान और इस परम्परा को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार द्वारा पहली कैबिनेट जबलपुर में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। रानी दुर्गावती के जन्मदिवस 5 अक्टूबर 2024 तक यह जन्म शताब्दी के कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे जिसके अंतर्गत हर माह आयोजन भी किये जाएँगे। कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने वीरांगना की शौर्य गाथा को नाटक के रूप में प्रस्तुत किया।

सुशासन और जल प्रबंधन के लिए प्रेरणास्रोत-

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर कहा कि महारानी दुर्गावती बावन गढ़ों की मालकिन थीं, पर अपनी प्रजा के लिए सिर्फ माँ थीं। रानी दुर्गावती के सुशासन और जल प्रबंधन की गूँज संपूर्ण विश्व में है। उन्होंने पंचसार विधि अपनाई, रानी दुर्गावती ने 23 हजार गाँवों को चिन्हित किया था। इन गाँवों में समयानुसार होने वाली खेती की जानकारी थी। उन्होंने कहा कि जितने भी युद्ध जीती थीं उनकी स्मृति में अपने सहयोगियों के नाम पर तालाब बनाकर जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य करती थीं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि आज का दिन वीरांगना को नमन करने का दिन है। उन्होंने कहा जब हमारे पास संचार तंत्र नहीं था, तब रानी दुर्गावती का अनुमान उनकी दूरदर्शिता का प्रमाण है। उत्तर-मध्य विधायक डॉ. पांडे के आग्रह पर सीएम ने कहा कि माढ़ोताल व हनुमानताल सहित जितने भी ताल हैं सभी का उन्नयन किया जाएगा।

डुमना में स्वागत-सीएम का सोमवार की सुबह लगभग 11 बजे डुमना विमानतल पर आगमन हुआ, जहाँ नगर अध्यक्ष प्रभात साहू, रवि साहू, शुभम अवस्थी आदि ने उनका स्वागत किया। वहीं कार्यक्रम में शामिल होने के बाद दोपहर लगभग ढाई बजे सीएम डुमना से भोपाल के लिए रवाना हुए।

पेंटिंग भेंट की-

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग ई. रमेश कुमार ने रानी दुर्गावती की पेंटिंग और सच्चिदानंद शेकटकर व पारितोष वर्मा द्वारा रानी दुर्गावती के जीवन पर आधारित पुस्तक वीरांगना दुर्गावती भेंट की गई।

पंचायत मंत्री ने अर्पित की श्रद्धांजलि- पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री श्री पटेल ने सोमवार की सुबह समाधि स्थल पहुँचकर श्रद्धासुमन अर्पित किये।

Created On :   24 Jun 2024 5:33 PM GMT

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