Jabalpur News: मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल का कार्यकाल बढ़ाने के प्रस्ताव पर रोक

मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल का कार्यकाल बढ़ाने के प्रस्ताव पर रोक
  • हाईकोर्ट ने स्टेट बार चेयरमैन व अन्य को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
  • अदालत ने प्रथमदृष्ट्या अपराध दर्ज करने का आधार पाकर निर्देश जारी कर दिए।
  • कोर्ट ने यह भी पूछा है कि किस अधिकार से यह निर्णय लिया गया है।

Jabalpur News: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्टेट बार काउंसिल ऑफ मध्यप्रदेश का कार्यकाल बढ़ाने के प्रस्ताव पर अंतरिम रोक लगा दी। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने काउंसिल के चेयरमैन व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि किस अधिकार से यह निर्णय लिया गया है।

अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच के अध्यक्ष चंद्र कुमार वलेचा और अधिवक्ता नरेंद्र जैन की ओर से याचिका दायर कर कार्यकाल बढ़ाने के प्रस्ताव को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीपक पंजवानी ने बताया कि वर्ष 2020 में राज्य अधिवक्ता परिषद ने चुनाव की अधिसूचना जारी की थी। इसके अनुसार काउंसिल का कार्यकाल 10 अक्टूबर 2025 को समाप्त होना चाहिए।

कोर्ट को बताया गया कि परिषद ने 11 फरवरी 2024 को कार्यकारिणी की बैठक कर परिषद का कार्यकाल दो साल बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया। इसमें दावा किया गया कि कोविड-19 महामारी के चलते परिषद के कार्यों में रुकावट आई है, इसलिए कार्यकाल बढ़ाया जाना चाहिए। इसके बाद जुलाई 2024 को जनरल बॉडी मीटिंग बुलाकर प्रस्ताव पारित कर दिया। दलील दी गई कि परिषद का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।

किसी कारणवश यदि अगला चुनाव नहीं हो पाता है तो बार काउंसिल ऑफ इंडिया को यह अधिकार है कि वह वैध कारणों के आधार पर 6 माह के लिए परिषद का कार्यकाल बढ़ा सकती है। दलील दी गई कि परिषद का उक्त निर्णय अवैधानिक है और अधिवक्ताओं के लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है।

राॅयल डेवलपर्स व अन्य के विरुद्ध धोखाधड़ी का अपराध दर्ज करें

प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी फरहान एम कुरैशी की अदालत ने राॅयल डेवलपर्स के प्रोपराइटर अरुण श्रीवास्तव व उसके कर्मचारी राम लाल कोरी, याशिका साहू, अंकुर परिहार व सुनीता के विरुद्ध धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं। परिवादी विजय नगर, जबलपुर निवासी सीमा श्रीवास की ओर से अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि पूर्व नियोजित ढंग से छल करते हुए 15 लाख का गबन किया गया है।

बिल्डर अरुण श्रीवास्तव व अन्य व्यक्तियों द्वारा परिवादी से निवेश के नाम पर अपनी फर्म में अधिक मुनाफा का झांसा देकर लाखों रुपये हड़पे। जिसके बाद कुछ समय तक ब्याज का पैसा देने के बाद बहाने बनाकर आरोपियों द्वारा पैसे के एवज में बंजर भूमि में स्थित प्लाॅट की रजिस्ट्री करने का दबाव बनाया जाने लगा। बाकी बचे पैसे का गबन कर धोखाधड़ी की गई। इस सिलसिले में पुलिस में शिकायत का कोई असर नहीं होने पर अदालत में परिवाद दायर किया गया है। अदालत ने प्रथमदृष्ट्या अपराध दर्ज करने का आधार पाकर निर्देश जारी कर दिए।

Created On :   25 April 2025 4:52 PM IST

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