जबलपुर: घाटे में नहीं बल्कि 4100 करोड़ के फायदे में हैं बिजली कंपनियाँ

घाटे में नहीं बल्कि 4100 करोड़ के फायदे में हैं बिजली कंपनियाँ
  • आपत्तिकर्ता ने लगाए प्रस्ताव में गलत जानकारी देने के आरोप
  • प्रस्ताव में बताया गया है 1837 करोड़ का नुकसान
  • इसी का हवाला देकर बिजली दर बढ़ाने का दिया प्रस्ताव

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बिजली कंपनी द्वारा मप्र विद्युत नियामक आयोग में नए टैरिफ को लेकर लगाई गई याचिका में घाटा दिखाकर दर को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। बिजली कंपनी ने याचिका में 1837 करोड़ रुपए का अंतर बताकर 3.86 प्रतिशत बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव आयोग को दिया है।

इस याचिका में दर्ज आँकड़ाें को देखकर अपत्तिकर्ता एडवोकेट राजेंद्र अग्रवाल का आरोप है कि प्रदेश की बिजली कंपनी ने 1837 करोड़ का अंतर बताया है जबकि उसे 4100 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है।

जिसका लाभ आम उपभोक्ता को बिजली के दाम बढ़ाकर नहीं बल्कि कम करके देना चाहिए। याचिका में कंपनी ने 2022-23 में 1540 करोड़ रुपए का नुकसान दिखाया है। इसकी सत्यापन याचिका बिजली कंपनी ने आयोग में अलग से लगाई है। इसकी सुनवाई आयोग ने 6 फरवरी को ऑनलाइन बुलाई है।

राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि बिजली कंपनी ने 2022-23 में 2880 करोड़ रुपए विद्युत हानि (जो नुकसान आयाेग से निर्धारित मापदंड से अधिक) थी, जो विद्युत चोरी की थी। कंपनी ने इस याचिका में 1340 करोड़ रुपए का भार खुद वहन करने का प्रस्ताव दिया है।

शेष बिजली चोरी के 1540 करोड़ रुपए का नुकसान उपभोक्ता से वसूलने का सत्यापन याचिका में प्रस्ताव दिया है। 2022-23 की सत्यापन याचिका में 1709.22 करोड़ पूरक बिल के नाम पर माँग रहे हैं।

यह रकम बिजली कंपनी ने किस-किस बिजली उत्पादन करने वाली इकाइयों को दी और किस कारण से इसका कोई उल्लेख याचिका में नहीं है, इस वजह से इसे अमान्य करने की माँग की है। 192.71 करोड़ रुपए री-केंसिलेशन बिजली खरीदी करार में खर्च करना बताया है लेकिन यह राशि किस कंपनी को भुगतान की गई है इसका उल्लेख भी नहीं है।

इस वजह से इसे भी अमान्य करने की माँग की है।

Created On :   23 Jan 2024 1:45 PM GMT

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