जबलपुर: रात-दिन के तापमान में अंतर, कॉमन कोल्ड के मामले में होने लगा इजाफा

रात-दिन के तापमान में अंतर, कॉमन कोल्ड के मामले में होने लगा इजाफा
  • चिकित्सक दे रहे गर्मी से बचाव की सलाह, घेर सकती हैं कई समस्याएँ
  • ठंडा पानी पीने के कारण लोग सर्दी- जुकाम की चपेट में आ सकते हैं।
  • चिकित्सकों द्वारा लक्षणों पर आधारित उपचार दिया जाता है।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मौसम में बदलाव के साथ बीमारियाँ भी बदल रहीं है। दिन और रात के तापमान में अंतर होने से कॉमन कोल्ड के मामले देखने मिल रहे हैं। हालाँकि अस्पतालों की ओपीडी में रूटीन के मरीज ही पहुँच रहे हैं।

सर्दी-जुकाम और गले में दर्द, बुखार आदि से पीड़ित मरीजों की संख्या फिलहाल सीमित है। बीते कुछ दिनों में गलसुआ (मम्पस) से पीड़ित बच्चों की संख्या में जरूर थोड़ा इजाफा हुआ है। सर्दी-खाँसी, बुखार और कानों के नीचे सूजन जैसे लक्षणों के साथ परिजन बच्चों को चिकित्सक के पास उपचार के लिए ले जा रहे हैं।

बच्चों को ठीक होने में 7 से 10 दिनों तक वक्त लग रहा है। वहीं मधुमेह, ब्लड प्रेशर, अस्थमा आदि से पीड़ित मरीजों के पहुँचने का सिलसिला जारी है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, मौसमी बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ेगा, ऐसे में चिकित्सक सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।

तेज धूप से करें बचाव

जिला अस्पताल की मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. संदीप भगत ने बताया कि बाहर तेज धूप और घर के अंदर ठंडक होने से तापमान में अंतर आ जाता है। ऐसी स्थिति में सर्दी-जुकाम होने के चांस ज्यादा रहते हैं। तेज धूप से बचाव करना चाहिए। फीवर के कुछ मामलों के साथ ज्यादातर मरीज डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, अस्थमा की समस्या लेकर आ रहे हैं।

बच्चों में गलसुआ की समस्या

जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. केके वर्मा ने बताया कि मौसम में बदलाव के चलते बच्चों में गलसुआ के मामले आ रहे हैं। यह एक तरह का वायरल इन्फेक्शन है जो कि 3 से 10 वर्ष के बच्चों को ज्यादा प्रभावित करता है। किसी बच्चे को यह समस्या है तो ठीक होने आइसोलेशन में रखना चाहिए।

बरतें सावधानी

जिला अस्पताल के मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. आरके चौधरी का कहना है कि दिन के समय तेज धूप में निकलने के बाद प्यास लगने पर ठंडा पानी पीने के कारण लोग सर्दी- जुकाम की चपेट में आ सकते हैं।

ऐसी स्थिति में सावधानी बरतते हुए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। गर्मी बढ़ेगी तो लू, टाइफाइड, ज्वाइंडिस, डायरिया, डिहाइड्रेशन आदि के केस बढ़ने की संभावना रहती है, ऐसे में सावधानी बरतनी चाहिए।

लार ग्रंथियों में आती है सूजन

गलसुआ की समस्या में पीड़ित की लार ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं। इनमें सूजन आ जाती है और छूने पर दर्द होता है। जिसके चलते चबाने और निगलने में कठिनाई होती है।

शरीर पर दाने, सर्दी-खाँसी, बुखार, थकान, कमजोरी, भूख न लगना, सिरदर्द जैसे लक्षण भी देखने मिलते हैं। चिकित्सकों द्वारा लक्षणों पर आधारित उपचार दिया जाता है।

Created On :   6 April 2024 9:57 AM GMT

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