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जबलपुर: सावधान! आपका बच्चा भी तो नहीं पी रहा हाइड्रोजन पेरॉक्साइड मिला दूध
- टीकमगढ़ की डेयरी में भारी मात्रा में हुई है इस खतरनाक केमिकल की जब्ती
- हार्ट, स्किन समेत कई घातक बीमारियों का है कारक
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
टीकमगढ़ के निवाड़ी की एक खबर ने पूरे देश को चौंका दिया। यहाँ एक डेयरी में भारी मात्रा में हाइड्रोजन पेरॉक्साइड जब्त किया गया। जानकारों के अनुसार यह केमिकल आम तौर पर उन डेयरियों के दूध में मिलाया जाता है, जहाँ दूध को ठंडा करने की सुविधा नहीं है, लेकिन इसकी मात्रा अधिक होने पर इससे हार्ट की बीमारियाँ तक होती हैं। उल्टी और दस्त के साथ ही स्किन प्रॉब्लम इसके मुख्य लक्षण हैं। टीकमगढ़ और उससे पहले दतिया में इस तरह का मामला सामने आने के बाद यहाँ भी अधिकारियों ने जाँच के निर्देश दिए हैं।
घावों को साफ करने और सुखाने के काम आता
जानकारों के अनुसार, हाइड्रोजन पेरॉक्साइड आमतौर पर घावों को साफ करने और उसे सुखाने के लिए लगाया जाता है। यह लगभग हर अस्पताल और क्लीनिक में मिल जाता है। दूध में इसे मिलाने की शुरुआत दूर-दराज के क्षेत्रों से हुई, जहाँ दूध को अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए यह केमिकल मिलाया जाने लगा। कितने दूध में कितनी मात्रा में केमिकल मिलाना है, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं थी, इसलिए इससे नुकसान होने लगा। बच्चों को उल्टी-दस्त हुए और बड़ों को हार्ट व स्किन प्रॉब्लम होने पर जाँच हुई और केमिकल का उपयोग बंद करने की सलाह दी गई।
जिले में हैं 233 डेयरियाँ
जबलपुर जिले में कुल 233 डेयरियाँ हैं और इनमें 25 से लेकर 200 जानवर तक हैं। रोज तकरीबन 10 लाख 21 हजार 818 लीटर दूध का उत्पादन होता है। अधिक दूध के लिए जानवरों को ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाये जाने के मामले सामने आ चुके हैं।
दतिया में भी सामने आ चुके हैं मामले
खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी पंकज श्रीवास्तव के अनुसार इससे पहले दतिया तरफ इसके केस मिले थे। जबलपुर जिले में अब तक इस तरह का कोई प्रकरण सामने नहीं आया है, लेकिन निवाड़ी का ताजा मामला सामने आने के बाद सतर्कता बरतते हुए सभी दूध डेयरियों से सैम्पल लेकर जाँच कराई जाएगी।
व्यापक पैमाने पर हो रही थी मिलावट
पिछले दिनाें पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ रोहित काशवानी के निर्देश पर थाना लिधौरा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए डबरा दूध डेयरी में भारी मात्रा में हाइड्रोजन पेरॉक्साइड केमिकल जब्त किया। वहाँ व्यापक पैमाने पर दूध में इस खतरनाक केमिकल को मिलाने का काम किया जाता था। डेयरी में मिले कर्मचारियों के अनुसार, वे दूध को फटने से बचाने के लिए हाइड्रोजन पेरॉक्साइड मिलाते थे।
नली की भीतरी सतह को नुकसान पहुँचाता
सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा के अनुसार हाइड्रोजन पेरॉक्साइड भोजन नली की भीतरी सतह को नुकसान पहुँचाता है। इसके अलावा शरीर में डिकम्पोज़ होकर ऑक्सीजन की कमी का कारण भी बनता है।
Created On :   5 Oct 2023 5:17 PM IST