Gadchiroli News: विधानसभा चुनाव के बैलेट में नहीं दिखेगा कमल और पंजा, हो सकता है हाई वोल्टेज होना लगभग तय

विधानसभा चुनाव के बैलेट में नहीं दिखेगा कमल और पंजा, हो सकता है हाई वोल्टेज होना लगभग तय
  • महायुति और मविआ के टिकट बंटवारे में राष्ट्रीय चिह्नों की बलि
  • इस वर्ष का चुनाव हाई वोल्टेज होना लगभग तय माना जा रहा है

Gadchiroli News : दीपक सुनतकर। प्रदेश के एकमात्र गड़चिरोली जिले के अहेरी विधानसभा क्षेत्र में इस वर्ष का चुनाव हाई वोल्टेज होना लगभग तय माना जा रहा है। एक ही परिवार के तीन सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी अखाड़े में दिखायी देंगे। एक ओर जहां महायुति के राकांपा (अजित गुट) से वर्तमान अन्न व औषधि प्रशासन मंत्री धर्मरावबाबा आत्राम तथा राकांपा (शरद गुट) से उनकी ही बेटी भाग्यश्री आत्राम चुनाव मैदान में हैं। दूसरी ओर, भाजपा के पूर्व राज्यमंत्री अमरीश आत्राम भी निर्दलीय पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। इन तीनों प्रमुख उम्मीदवारों के नाम पूरी तरह से स्पष्ट होने के कारण इस बार बैलेट मशीन में राकांपा (अजित गुट) और राकांपा (शरद गुट) के प्रमुख चिन्ह ही दिखाई देंगे। इस क्षेत्र में एेसा पहली बार होगा जब बैलेट पेपर से प्रमुख राष्ट्रीय चिन्ह कमल और पंजा गायब होगा। जिस कारण मतदान के दिन मतदाताओं को भी संभ्रम की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।

अहेरी विस क्षेत्र में अब तक हुए सभी विधानसभा चुनावों के दौरान बैलेट मशीन में भाजपा (कमल), कांग्रेस (पंजा), राकांपा (घड़ी) के चिन्ह नजर आए। वर्ष 2009 के चुनाव पर निगाह डालें तो इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल 1 लाख 91 हजार 149 मतदाता थे। जिनमें से 1 लाख 27 हजार 272 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयाेग किया। इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी दीपक आत्राम ने अपने प्रतिद्वंद्वी धर्मरावबाबा आत्राम को पराजित किया था। इस समय कांग्रेस और राकांपा का गठबंधन था। इस कारण बैलेट मशीन में राकांपा (घड़ी) का चिन्ह अंकित किया गया था। भाजपा की ओर से बाजीराव कुमरे चुनाव मैदान में थे। वर्ष 2014 में भाजपा के राजे अमरीश आत्राम ने बाजी मारी थी। उन्होंने कुल 56 हजार 418 वोट लिए थे। राकांपा प्रत्याशी धर्मरावबाबा आत्राम को 36 हजार 560 वोटों पर संतुष्ट होना पड़ा था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रत्याशी मुक्तेश्वर गावंडे को 4 हजार 253 वोट मिले थे।

इस चुनाव के बैलेट मशीन में भी पंजा, कमल और घड़ी के चिन्ह अंकित थे। तत्पश्चात वर्ष 2019 में राकांपा प्रत्याशी धर्मरावबाबा आत्राम 60 हजार 13 वोटों से भाजपा प्रत्याशी राजे अमरीश आत्राम से जीते थे। राजे अमरीश आत्राम को 44 हजार 555 वोटों पर संतुष्ट होना पड़ा था। इस चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रत्याशी दीपक आत्राम को 43 हजार 22 वोट मिले थे। कुल मिलाकर वर्ष 2009 से 2019 तक के तीनों चुनावों में उपयोग की गयी सभी बैलेट मशीनों पर राष्ट्रीय पार्टियों के चिन्ह अंकित थे। लेकिन इस दफा पहली बार ही बैलेट मशीन में न कमल होगा और न ही पंजा।

यहां बता दें कि, राज्य के महायुति में भाजपा, राकांपा (अजित गुट) और शिवसेना (शिंदे) का समावेश होकर इस महायुति की टिकट राकांपा (अजित गुट) के धर्मरावबाबा आत्राम को दी गयी है। उधर महाविकास आघाड़ी में कांग्रेस, राकांपा (शरद गुट) और शिवसेना (उद्धव) का समावेश होकर इस खेमे से राकांपा (शरद गुट) की भाग्यश्री आत्राम चुनाव अखाडे़ में उतरी हैं। महायुति की सीट अजित गुट के राकांपा के खेमे में जाने से यहां भाजपा के राजे अमरीश आत्राम को मुंह की खानी पड़ी है। इस कारण इस चुनाव में वे बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं।

Created On :   31 Oct 2024 6:54 PM IST

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