जिले की अपेक्षाएं: पर्यटन को लगे पंख, एयरपोर्ट का सपना हो साकार, कृषि-सिंचाई के लिए अभी और काम की जरूरत

पर्यटन को लगे पंख, एयरपोर्ट का सपना हो साकार, कृषि-सिंचाई के लिए अभी और काम की जरूरत
  • पर्यटन को लगे पंख, एयरपोर्ट का सपना हो साकार
  • शिक्षा और स्वास्थ्य की बड़ी परियोजनाएं हो साकार, कृषि-सिंचाई के लिए अभी और काम की जरूरत

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। केंद्र और राज्य सरकारें अपना वार्षिक बजट प्रस्तुत करने वाली हैं। ऐसे में छिंदवाड़ा जिले को केंद्र से क्या मिलेगा और प्रदेश के बजट से यहां के हिस्से में क्या आएगा। इस पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं। पांढुर्ना के नए जिले के रूप में अस्तित्व में आने के साथ ही इंडस्ट्री, माइनिंग और उद्यानिकी जैसा महत्वपूर्ण पार्ट छिंदवाड़ा के हिस्से से अलग हो गया है। ऐसे में छिंदवाड़ा को समृद्ध बनाने अब यहां मौजूद प्राकृतिक व पर्यटन के स्थलों को ज्यादा विकसित करने की आवश्यकता महसूस हो रही है। वहीं पहले से स्वीकृत परियोजनाओं एयरपोर्ट, सिम्स, यूनिवर्सिटी, उद्यानिकी कॉलेज, एग्रीकल्चर कॉलेज को साकार करने की जरूरत है। नई ट्रेनों की शुरूआत के साथ ही रेलवे लाइन के दोहरीकरण की भी आवश्यकता है। छिंदवाड़ा के लोग केंद्र और राज्य सरकार से विकास को गति देने की उम्मीदें बांध रखे हैं।

पर्यटन... जिले में ३७ वाटर फॉल, एक भी डेवलप नहीं:

- प्राकृतिक सौंदर्य और संपदा के लबरेज छिंदवाड़ा में ३७ वाटर फॉल हैं। अकेले कुकड़ीखापा को लेकर प्लान बन सका, वह भी जमीन पर नहीं उतरा। ४ वाटर फॉल ऐसे हैं जो पूरे साल भर चलते हैं, इन्हें विकसित किया जा सकता है।

- पेंच पार्क के जमतरा गेट को विकसित किया जा सकता है। यहां ठहरने की व्यवस्था हो जाए तो पर्यटन में इजाफा होगा।

- देवगढ़ को अभी और विकसित करने की जरूरत है। यहां सांस्कृतिक केंद्र के तहत ऑडिटोरियम व म्यूजिमय बनना है। केंटीन व पीने के पानी की व्यवस्था कर पर्यटकों को रिझाया जा सकता है।

- तामिया में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। रातेड़ बैस कैंप में टेंट फिटी बन सकती हैं। तामिया एडवेंचर गेम्स को बारिश छोड़ ८ माह चलाया जा सकता है।

कृषि... उपज के भंडारण और प्रसंस्करण की इकाई स्थापित हो:

- छिंदवाड़ा-पांढुर्ना मल्टी क्लाइमेट जिला है, यहां बहु फसलीय खेती की जा रही है। यहां कृषि और उद्यानिकी की उपज के वेल्यू एडिशन की आवश्यकता है। भंडारण और प्रसंस्करण की इकाइयों की स्थापना हो तो कृषि और उद्यानिकी को प्रोत्साहित किया जा सकता है।

- कृषि कार्य के लिए नए इक्यूपमेंट की जरूरत है। जिससे खेती में मजदूरों की समस्या के साथ खर्च व समय भी बचाया जा सके। जिले में बिगड़ी जमीनों को भी खेती अनुकूल बनाने की दिशा में भी ध्यान देने की जरुरत है।

- प्राकृतिक खेती की बातें तो हो रही हैं, लेकिन सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। किसानों को अधिक सुविधाएं देकर प्रेरित किया जा सकता है।

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सिम्स... पूर्ण रूप से आकार ले, हटाई गई यूनिट पुन: जोड़ी जाएं:

सिम्स छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस से कैंसर यूनिट लगभग हटा दी गई है। कार्डियक यूनिट और न्यूरो यूनिट पर भी कैंची चल गई है। मतलब वर्ष २०१९ में हुए भूमिपूजन के साथ सिम्स को लेकर जो सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का सपना छिंदवाड़ा जिले ने देखा था उससे लगभग आधा प्रोजेक्ट हो गया है। १४५५ करोड़ लगात में बनने वाला छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस अब महज ७६८.२२ करोड़ रुपए में बनेगा। निर्माण तो जारी है लेकिन जिले वासियों को सिम्स में कैंसर, हार्ट और ब्रेन यूनिट भी चाहिए।

एयरपोर्ट... नई एयर स्ट्रिप में सिमटा वह भी नहीं बनी, नई सरकार ध्यान दे:

वर्ष २०१९ में छिंदवाड़ा मे एयरपोर्ट की संभावनाएं तलाशी गईं। राइट्स ने सर्वे भी किया, रिपोर्ट शासन को सौंपी। प्रक्रिया आगे बढ़ती इससे पहले सरकार बदल गई। अब बात नई एयर स्ट्रिप पर आ गई। टिकाड़ी गांव के पास नई एयर स्ट्रिप का निर्माण होना था। सरकार ने वर्ष २०२२ के बजट में इसके लिए डीपीआर तैयार करने ६.७२ करोड़ रुपए का प्रावधान किया। अब तक डीपीआर के लिए टेंडर प्रक्रिया नहीं हो सकी है। आने वाले बजट में एयरपोर्ट और नई एयरस्ट्रिप के लिए प्रावधान की जिले को उम्मीदें हैं।

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यूनिवर्सिटी... बिल्डिंग की दरकार, अभी लाइब्रेरी से हो रहा संचालन:

छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी को नई सरकार ने राजा शंकरशाह नाम दिया है। पिछली सरकार ने छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी शुरू करने के साथ सारना के पास करीब १२० एकड़ जमीन में बिल्डिंग प्रस्तावित की थी। ४८६ करोड़ में उक्त बिल्डिंग बनना था। टेंडर भी लग गए थे। एजेंसी भी आ गई थी, लेकिन ठेका एग्रीमेंट होता इससे पहले ही टेंडर निरस्त हो गए। अभी पीजी कॉलेज की लाइब्रेरी बिल्डिंग से संचालन हो रहा है।

हार्टिकल्चर कॉलेज: भवन नहीं बना, दो कमरों में संचालन:

जिले में वर्ष २०१९ में हार्टिकल्चर और एग्रीकल्चर कॉलेज शुरू करने तत्कालीन सरकार ने मंजूरी दी थी। हार्टिकल्चर कॉलेज शुरू हो गया, लेकिन एग्रीकल्चर कॉलेज का ठिकाना नहीं है। दोनों कॉलेज के निर्माण के लिए खुनाझिर में करीब २३४ एकड़ जमीन चिन्हित की गई। १९९ करोड़ लागत से बिल्डिंग निर्माण के लिए टेंडर प्रकिया शुरू हुई जो बाद में निरस्त कर दी गई। हार्टिकल्चर कॉलेज फिलहाल कृषि अनुसंधान केंद्र में चल रहा है।

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जेल काम्प्लेक्स... अब जिला जेल तक सीमित, निर्माण पूरा हो:

जिले का दूसरा बड़ा प्रोजेक्ट जेल काम्प्लेक्स जिसका निर्माण अब तक पूरा हो जाना था, वह अब सिर्फ जिला जेल तक सीमित होकर रह गया है। ग्राम अर्जुनवाड़ी के पास करीब १२० एकड़ रकबे में प्रस्तावित जेल काम्प्लेक्स में जिला जेल, केंद्रीय जेल और ओपन जेल का निर्माण होना था। २४० करोड़ रुपए में उक्त निर्माण होना था। इसमें भी कटौती कर १२७ करोड़ रुपए कर दी गई है। जिला जेल का निर्माण अब ४० फीसदी ही हो पाया है।

Created On :   1 Feb 2024 10:02 AM IST

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