छिंदवाड़ा: अस्पताल की बदहाली, गायनिक वार्ड फुल, फर्श पर प्रसूताएं

अस्पताल की बदहाली, गायनिक वार्ड फुल, फर्श पर प्रसूताएं
  • अस्पताल की बदहाली, गायनिक वार्ड फुल, फर्श पर प्रसूताएं
  • क्षमता से अधिक पेशेंट, फ्लोर बेड लगाने भी जगह नहीं

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल इन दिनों बदहाल स्थिति में है। गायनिक वार्ड में क्षमता से अधिक पेशेंट भर्ती होने से ठंड के दिनों में फर्श पर दरी बिछाकर प्रसूताओं को समय काटना पड़ रहा है। हालात यह है कि वार्ड में फ्लोर बेड लगाने के लिए भी जगह नहीं बची है। बुधवार रात प्रसूता और बच्चे को दमुआ अस्पताल से रेफर किया गया था। बच्चे को एसएनसीयू में शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन मां को पलंग न मिलने से उसे फर्श पर दरी बिछाकर रात काटनी पड़ी।

दमुआ निवासी मनीष धुर्वे ने बताया कि उसकी पत्नी पूजा की सात माह में डिलेवरी हो गई। दमुआ अस्पताल से जच्चा-बच्चा को जिला अस्पताल रेफर किया गया था। बुधवार रात लगभग १०.३० बजे वे गायनिक वार्ड पहुंच गए थे। बच्चे को एसएनसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन पूजा को पलंग नहीं मिला। प्रसव पश्चात पीड़ा से तड़पती प्रसूता पूरी रात ठंड में पतली दरी बिछाकर फर्श पर लेटी रही। इस तरह का यह कोई पहला प्रकरण नहीं है। ऐसे हालात लगभग रोज के होते है। प्रबंधन व्यवस्था नहीं बना पा रहा है।

हालात-१ गायनिक वार्ड की क्षमता से दोगुने पेशेंट-

जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में संचालित गायनिक वार्ड की क्षमता १२० बेड की है। नई बिल्डिंग में ३० बेड का एक अतिरिक्त वार्ड मिलने पर बेड की क्षमता १५० हो पाई है, लेकिन गायनिक वार्ड में रोजाना लगभग २०० गर्भवती महिलाएं भर्ती होती है। फ्लोर बेड लगाने के बाद भी पेशेंट पलंग के लिए परेशान रहते है।

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हालात-२ फ्लोर बेड के लिए गद्दों का टोटा-

गायनिक वार्ड के प्रथम तल स्थित पीएनसी वार्ड में ६५ प्रसूताओं को भर्ती करने की व्यवस्था है। यहां गुरुवार को ७२ पेशेंट भर्ती थे। गैलरी में पलंग लगाकर फटे पुराने गद्दे बिछाकर अतिरिक्त मरीजों के लिए व्यवस्था बनाई गई है। हालात यह है कि फ्लोर बेड के लिए अतिरिक्त गद्दे तक नहीं है।

हालात-३ औसतन १ हजार डिलवेरी हर माह-

मेडिकल कॉलेज से संबद्धता के साथ जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड में जिले के अलग-अलग ब्लॉक के अलावा सिवनी, बालाघाट, नरसिंहपुर और बैतूल से पेशेंट रेफर होकर आ रहे है। ऐसे में गायनिक वार्ड में हर माह औसतन १ हजार गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराया जाता है। क्षमता से अधिक पेशेंट आने से वार्ड में दबाव बढ़ गया है।

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क्या कहते हैं अधिकारी-

मेडिकल कॉलेज से सबद्धता के बाद से गायनिक वार्ड पर पेशेंट का दबाव बढ़ गया है। पुरानी बिल्डिंग में जगह की कमी है। १२० बेड की क्षमता वाले वार्ड में दो सौ से अधिक पेशेंट भर्ती है। नई बिल्डिंग तैयार होने पर बेड की समस्या से निजात मिलेगी।

- डॉ.एमके सोनिया, सीएस, जिला अस्पताल

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Created On :   12 Jan 2024 4:50 PM IST

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