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छिंदवाड़ा: छिंदवाड़ा में अधिकारी रहीं महात्मा गांधी की पोती
- छिंदवाड़ा में अधिकारी रहीं महात्मा गांधी की पोती
- वर्ष 1958 में छिंदवाड़ा में पदस्थ रहीं आईएएस सुमित्रा गांधी
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मंगलवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि शहीद दिवस के रुप में मनाई गई। छिंदवाड़ा से बापू की कई यादें जुड़ी हुई हैं। कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में खिलाफत आंदोलन का प्रस्ताव पारित होने के बाद महात्मा गांधी ने १९२१ में छिंदवाड़ा में असहयोग आंदोलन का बिगुल फूंका था। इसके बाद वर्ष १९३३ मेें भी छिंदवाड़ा में गांधीजी का आगमन हुआ था। बापू के आगमन की यादें लोगों के दिलों में आज भी बसी हुई हैं। देश की आजादी के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पोती छिंदवाड़ा में एक प्रशासनिक अधिकारी के रुप में पदस्थ रही हैं। जिले में उनके कार्यकाल को शहरवासी आज भी याद करते हैं। महात्मा गांधी के बेटे रामदास गांधी की सुपुत्री सुमित्रा गांधी आईएएस अफसर रही हैं। बताया जाता है कि वर्ष १९५८ के आसपास वे कुछ समय के लिए छिंदवाड़ा में एक प्रशासनिक पद पर पदस्थ रहीं।
सुमित्रा गांधी के कार्यकाल में मिली थी नियुक्ति -
सेवानिवृत्त शिक्षक पंडित जयशंकर शुक्ल बताते हैं कि वर्ष १९५८ में छिंदवाड़ा में प्रशासनिक पद पर सुमित्रा गांधी के कार्यकाल के दौरान ही श्री शुक्ल को शिक्षक के रुप में नियुक्ति मिली थी। उन्होंने बताया कि उनकी नियुक्ति ग्राम लिंगा में हुई थी लेकिन उन्हें नियुक्ति पत्र ग्राम जाम का दे दिया गया था। इसमें सुधार कराने के लिए वे सुमित्रा गांधी से मिले तो उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित कर तत्काल इसमें सुधार कराया। इसके बाद उनसे दो-तीन बार मुलाकात हुईं। उनके कार्यकाल में लोगों की समस्याओं के निराकरण में उस समय किसी तरह का विलंब नहीं होता था।
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कुशल प्रशासक रहीं सुमित्रा गांधी-
चांदामेटा क्षेत्र के सेवानिवृत्त शिक्षक केशव पांडे बताते हैं कि सुमित्रा गांधी कुशल प्रशासक रही हैं। वे आम लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए हमेशा समर्पित रहती थीं। उस समय जिले में दौरे पर वे जहां भी जाती थीं, पूरा शासकीय अमला सतर्क हो जाता था।
रामदास गांधी की बेटी हैं सुमित्रा-
केशव पांडे ने बताया कि महात्मा गांधी के चार पुत्र-हरिलाल गांधी, मणिलाल गांधी, रामदास गांधी एवं देवदास गांधी थे। गांधी जी के तीसरे बेटे रामदास गांधी के तीन बच्चों में सुमित्रा गांधी सबसे बड़ी हैं। सुमित्रा गांधी आईएएस अफसर रहीं हैं। बाद में वे राज्यसभा सदस्य भी रहीं।
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‘महात्मा गांधी मेरे पितामह’ पुस्तक लिखी-
सुमित्रा गांधी ने ‘महात्मा गांधी मेरे पितामह’ नामक पुस्तक लिखी है। इसमें उन्होंने महात्मा गांधी के जीवन, स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका आदि के संबंध में लिखा है।
Created On :   31 Jan 2024 10:25 AM IST