Chhindwara News: शाम की ओपीडी से डॉक्टर नदारद, इलाज कराने भटक रहे मरीज

शाम की ओपीडी से डॉक्टर नदारद, इलाज कराने भटक रहे मरीज
  • डॉक्टरों की मनमानी, सुबह देरी से आते है और जा रहे जल्दी, शाम को आते ही नहीं
  • सिर्फ जिला अस्पताल ही नहीं, पूरे जिले में लडख़ड़ाई हुई है स्वास्थ्य सेवाएं
  • गर्भवती महिलाओं को प्राथमिक जांच के लिए परेशान होना पड़ता है।

Chhindwara News: मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल के डॉक्टरों की ड्यूटी टाइमिंग सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक और शाम 5 से 6 बजे तक है। कलेक्टर का स्पष्ट आदेश है कि सभी डॉक्टर ओपीडी टाइमिंग में अस्पताल में रहेंगे। अस्पताल प्रबंधन भी तमाम कोशिशें कर चुका है लेकिन डॉक्टरों की मनमानी खत्म नहीं हो रही है। डॉक्टर सुबह देरी से आते है जल्दी ओपीडी छोड़ देते है। शाम की ओपीडी में तो डॉक्टर आते ही है।

हमेशा की तरह सोमवार शाम को ओपीडी खाली थी। खाली चैम्बर के बाहर डॉक्टर का इंतजार करते मरीज परेशान होते रहे। 40 किमी दूर अमरवाड़ा से इलाज कराने जिला अस्पताल आई निधी मालवी दोपहर 1.30 बजे से ओपीडी के बाहर बैठी थी। उसे भरोसा था कि शाम की ओपीडी में डॉक्टर आएंगे और वह अपनी जांच रिपोर्ट दिखाकर दवाएं लेकर वापस घर लौट जाएगी। लेकिन ओपीडी में डॉक्टर आए ही नहीं। डॉक्टर न मिलने से वह यहां-वहां भटकती रही। ऐसे ही कई मरीज थे जिन्हें बिना इलाज के वापस लौटना पड़ा।

मरीज को वार्ड तक छोडऩे की सुविधा नहीं

इमरजेंसी यूनिट में आने वाले मरीज को प्राथमिक इलाज के बाद स्ट्रेचर से वार्ड तक छोडऩे की जवाबदारी वार्ड बॉय की होता है। जिला अस्पताल की इमरजेंसी यूनिट की व्यवस्था लडख़ड़ाई हुई है। स्टाफ मरीज के परिजनों को हिदायत देकर वार्ड में भेज देता है। मरीज को स्ट्रेचर पर लेकर परिजन भटकते रहते है।

ओपीडी पर्ची के लिए गर्भवती महिलाएं परेशान

गर्भवती महिलाओं को प्राथमिक जांच के लिए परेशान होना पड़ता है। दरअसल ओपीडी पर्ची काउंटर एक ही होने से गर्भवती महिलाओं की लम्बी कतार लग जाती है। एक गर्भवती को ओपीडी पर्ची बनवाने में ही आधा घंटे का वक्त लगता है। भीड़-भाड़ होने से अक्सर यहां अव्यवस्था होती है।

इलाज कराने आए मरीजों की व्यथा

75 वर्षीय मोहन ङ्क्षसह रघुवंशी ने बताया कि वह बनगांव से इलाज कराने आए थे। ओपीडी में एक भी डॉक्टर नहीं आए है। बिना इलाज कराने उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है।

60 वर्षीय श्यामा बाई ने बताया कि उसे सीने में दर्द और चक्कर आने की समस्या है। जिला अस्पताल इलाज कराने आई थी, लेकिन डॉक्टर नहीं आए है। काफी देर से वह परेशान हो रही है।

क्या कहते हैं अधिकारी

सभी डॉक्टर के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए गए है कि ओपीडी टाइमिंग में अस्पताल न छोड़े। इसके बाद भी ओपीडी से डॉक्टर नदारद रहते है तो कार्रवाई की जाएगी। लिफ्ट मेंटेनेंस का कार्य सिम्स का है। मरीजों की सुविधा के लिए अभी दो लिफ्ट शुरू कराई गई है।

- डॉ.नरेश गुन्नाडे, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल

Created On :   26 Nov 2024 5:09 PM IST

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