सगाई करने आए थे, बहू साथ ले गए

सगाई करने आए थे, बहू साथ ले गए
दोनों परिवार में सगाई के दिन ही विवाह की रस्में निभाई

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/सौंसर। भौतिकवाद के प्रभाव में अब वैवाहिक समारोह स्टेटस सिंबल बन गए हैं। रिंग सेरेमनी, प्री वेडिंग सूट, मेहंदी, महिला संगीत, वरमाला, फेरे, पार्टी में वर वधू पक्ष के पांच से सात दिन लग जाते हैं तो वहीं अलग-अलग आयोजन में लाखों रुपए खर्च होते हैं। पिपला नारायणवार के माहेश्वरी (नाहर) और बेमेतरा छत्तीसगढ़ के भूतड़ा परिवार ने आपसी सामंजस्य से ऐसी पहल की, जो समाज के लिए मिसाल बन गई। दोनों परिवार में सगाई के दिन ही विवाह की रस्में निभा ली।

नगर के एक मंगल भवन में रविवार को पिपला निवासी प्रदीप माहेश्वरी की सुपुत्री मानसी और छत्तीसगढ़ के बेमेतरा निवासी सत्येनारायण भुतड़ा के सुपुत्र वैभव का सगाई समारोह हुआ। वधु पक्ष की ओर से समाज के लोगों को सगाई का निमंत्रण दिया गया था। सुबह से दोपहर तक सगाई की रस्में पूरी हुई। शाम को मेहमानों की विदाई से पूर्व वर पक्ष की ओर से मामा नीरज चांडक एवं वधु पक्ष के दामाद रमन काबरा ने सगाई में ही विवाह की रस्में पूरी करने का प्रस्ताव वर एवं वधु पक्ष के सामने रखा। इस अनोखे प्रस्ताव पर वर एवं वधु पक्ष ने सहमति दे दी और फिर विवाह की रस्म भी पूरी हो गई। इसके बाद वधु पक्ष ने अपनी बेटी की विदाई दी। इस आदर्श विवाह की समाज में सर्वत्र सराहना हो रही है। वधु के पिता प्रदीप माहेश्वरी ने कहा कि सगाई के बाद विवाह के लिए मंगल भवन बुक करने की तैयारी थी, लेकिन समाज में प्रगतिशील विचारधारा रखने वाले समाज बंधुओं की पहल को दोनों पक्षों ने स्वीकार किया और बेटी का विवाह एक आदर्श मिसाल बन गया।

Created On :   8 April 2024 11:55 PM IST

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