Bank Merger: आज से लक्ष्मी विलास बैंक का अस्तित्व खत्म, DBS इंडिया के साथ हुआ मर्ज, बैंक के शेयर भी एक्सचेंज से डीलिस्ट
- 94 साल पहले शुरू हुए लक्ष्मी विलास बैंक का अस्तितव आज से खत्म
- विलय के बाद अब बैंक की सभी ब्रांचों का नाम बदलकर DBS इंडिया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। 94 साल पहले सात लोगों ने मिलकर शुरू किए लक्ष्मी विलास बैंक का अस्तितव आज से खत्म हो गया। विलय के बाद अब लक्ष्मी विलास बैंक की सभी ब्रांचों का नाम बदलकर DBS इंडिया हो गया है। विलय नियम के मुताबिक, 27 नवंबर यानी आज से लक्ष्मी विलास बैंक के शेयर एक्सचेंज से डीलिस्ट हो गए। अब इस बैंक का पूरा डिपॉजिट DBS India के पास चला गया है।
केंद्र सरकार ने संकटग्रस्त लक्ष्मी विलास बैंक पर 17 नवंबर को एक महीने के लिए मोरेटोरियम लगाया था, लेकिन बाद में इसका विलय DBS इंडिया में कर दिया। लक्ष्मी विलास बैंक के खातों से अधिकतम 25,000 रुपये की रकम निकालने की जो सीमा थी, उसे भी हटा लिया गया। यह पहली बार है, जब किसी भारतीय बैंक को डूबने से बचाने के लिए किसी विदेशी बैंक में विलय का फैसला लेना पड़ा है। DBS बैंक का मुख्यालय सिंगापुर में है। वह सिंगापुर के शेयर बाजार में लिस्टेड भी है।
बता दें कि तमिलनाडु के करूर में 7 कारोबारियों ने लक्ष्मी विलास बैंक की शुरुआत की थी। इंडियन कंपनीज एक्ट 1913 के तहत 3 नवंबर 1926 से लक्ष्मी विलास बैंक ने बैंक की तरह काम करना शुरू किया था। उसके बाद 10 नवंबर 1926 को बिजनेस शुरू करने का सर्टिफिकेट मिला था. लक्ष्मी विलास बैंक को 19 जून 1958 को RBI से बैंकिंग लाइसेंस मिला था और 11 अगस्त 1958 को यह शेड्यूल कमर्शियल बैंक बन गया।
लक्ष्मी विलास बैंक को पिछले 10 तिमाही से लगातार घाटा हो रहा था। 30 सितंबर को खत्म तिमाही में टैक्स पेमेंट के बाद नेट लॉस 396.99 करोड़ रुपये का था। लक्ष्मी विलास बैंक ने ज्यादा प्रॉफिट कमाने के लिए रिटेल, MSME और SME को धड़ल्ले से लोन बांटा था। इसमें से काफी सारा पैसा वापस नहीं आया और ये NPA बन गया। पैसा वापस न आने से बैंक संकट में घिरता गया। एक अनुमान के मुताबिक इस बैंक का 3000 से 4000 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट लोन बैड लोन है।
Created On :   27 Nov 2020 4:48 AM GMT