पेंच व्याघ्र प्रकल्प के खाली स्थानों पर उगाई जाएगी घास  

पहल पेंच व्याघ्र प्रकल्प के खाली स्थानों पर उगाई जाएगी घास  

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-10 07:39 GMT
पेंच व्याघ्र प्रकल्प के खाली स्थानों पर उगाई जाएगी घास  

डिजिटल डस्क, नागपुर । नागपुर के वन विभाग अंतर्गत पेंच व्याघ्र प्रकल्प में खाली स्थानों पर घास उगाई जाएगी। विभिन्न प्रजाति की यह घास रहेगी, जिससे एक ओर जंगल की सुंदरता बढ़ेगी, दूसरी ओर शाकाहारी वन्यजीवों के लिए चारागाह उपलब्ध होगा। इसके लिए मैपिंग शुरू हो गई है। इससे पहले यह प्रयोग तेलंगाना के कवल टाइगर रिजर्व व चंद्रपुर जिले के ताड़ोबा टाइगर रिजर्व में किया गया है, जिसे अच्छी सफलता मिली है। अब इसे पेंच व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत किया जाने वाला है।''

बंजर जमीन होगी हरी-भरी : महाराष्ट्र का पेंच प्रकल्प 789 वर्ग किमी में फैला जंगल है। यहां दो रेंज हैं, जिनमें 6 से ज्यादा बीट शामिल हैं। इसमें पवनी यूनी कंट्रोल, देवलापार, ईस्ट पेंच, चोरबाहुली, सालेघाट आदि बीट हैं। जल्द यहां दो नई बीट बनाई जाने वाली हैं, ताकि और भी ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। जंगल की हरियाली को बढ़ाने पर भी वन विभाग ध्यान दे रहा है। यहां घास की कमी है, क्योंकि शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या बहुत ज्यादा है। तेज धूप के कारण कुछ क्षेत्र बंजर पड़े हैं, जिन पर घास उगाने की तैयारी है। इसके लिए सर्वे किया जा रहा है। वर्तमान स्थिति में यहां 53 बाघ हैं, ऐसे में बाघों के लिए भी यह घास महत्वपूर्ण रहेगा। घास पर पनपने वाले वन्यजीव बाघों का शिकार होते हैं। जितनी ज्यादा घास होगी, उतना ज्यादा इनकी संख्या तेजी से बढ़ेगी। इससे बाघों को शिकार की कमी नहीं होगी। वर्तमान में बाघों की संख्या देखते हुए शिकार की कमी है। ऐसे में वन विभाग घास उगाकर यहां हरियाली बढ़ाने वाला है।

तोतलाडोह में उगाई घास : पेंच के तोतलाडोह में लंबे समय से 100 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर अतिक्रमण था। इसे हटाकर क्लाइमेट चेंज योजना वन विभाग ने चलाई थी। यहां के क्रांक्रीट के जंगल को साफ करते हुए यहां भी घास उगाई गई है। इससे यह परिसर हरा-भरा हो गया है।
 

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