सावनेर विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्य जान-बूझ कर रोकने का आरोप

हाई कोर्ट की शरण में केदार सावनेर विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्य जान-बूझ कर रोकने का आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-02 07:16 GMT
सावनेर विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्य जान-बूझ कर रोकने का आरोप

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य के पूर्व पशु संवर्धन मंत्री सुनील केदार ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ की शरण ली है। अपनी याचिका में उन्होंने एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की सरकार पर सावनेर विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्य जान-बूझ कर रोकने का आरोप लगाया है। न्यायमूर्ति अतुल चांदुरकर और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी की खंडपीठ ने केदार को इन विकास कार्यों की विस्तृत सूची प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को रखी गई है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. राहुल धांडे कामकाज देख रहे हैं। 

विकास कार्य रोके गए
केदार के अनुसार, महाविकास आघाड़ी सरकार में साल 2021-22 के बजट में राज्य भर में विविध विकास कार्य मंजूर हुए। इसके तहत सावनेर विधान सभा क्षेत्र में भी 19 कार्य मंजूर हुए। इनमें से दो विकास कार्यों को तकनीकी मंजूरी मिली और एक विकास कार्य को तो आर्थिक मंजूरी भी मिल चुकी थी। ये तीनों प्रोजेक्ट करीब 95 लाख रुपए के थे। ऐसे ही विविध सरकारी विभागों ने सावनेर क्षेत्र के लिए करोड़ों रुपए के बजट वाले प्रोजेक्ट मंजूर किए थे, लेकिन राज्य में वर्ष 2022 में सत्ता परिवर्तन हुआ और महाविकास आघाड़ी सरकार गिर गई। इसके बाद नई सरकार ने सावनेर क्षेत्र के विकास पर रोक लगा दी। जिन विकास कार्यों के लिए टेंडर जारी नहीं हुए, ऐसे कार्यों पर रोक लगा दी। ऐसे में केदार ने हाईकोर्ट की शरण ली है। 

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