विकास में कटते पेड़: फोरलेन के लिए कटना शुरु हुए हरे-भरे पेड़
सीलादेही से नगझर तक काटे जाएंगे 300 पेड़
डिजिटल डेस्क, सिवनी। मध्यप्रदेश के सिवनी शहर के भीतर से होकर 109 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली लगभग साढ़े 13 किमी लंबी फोरलेन सडक़ के निर्माण के लिए दशकों पुराने विशाल हरे-भरे पेड़ों को काटने का काम शुरु हो गया है। नागपुर रोड स्थित सीलादेही नेशनल हाइवे फोरलेन बाइपास से जबलपुर रोड स्थित नगझर नेशनल हाइवे फोरलेन बाइपास तक बनने वाली इस सडक़ के लिए लगभग तीन सौ पेड़ों को काटा जाएगा। शहर के अंदर ज्यारतनाका से कृषि विज्ञान केन्द्र के आगे तक पहले से ही फोरलेन सडक़ मौजूद है।
ज्यारतनाका से नगझर बाइपास तक तथा कृषि विज्ञान केन्द्र के आगे से सीलादेही बाइपास तक की टू-लेन सडक़ को फोरलेन बनाया जाना है। टू-लेन सडक़ के इन्हीं हिस्सों के दोनों ओर दशकों पुराने हरे-भरे पेड़ों को सडक़ चौड़ीकरण के लिए काटा जा रहा है। ज्यारतनाका से कृषि विज्ञान केन्द्र तक भी कुछ पेड़ कटने हैं, लेकिन इनकी संख्या कम है। पेड़ों की कटाई का काम शुक्रवार को लूघरवाड़ा क्षेत्र से प्रारंभ किया गया। लूघरवाड़ा से नगझर तक पेड़ काटने के बाद कृषि विज्ञान केन्द्र से सीलादेही तक के पेड़ों की कटाई की जाएगी।
बार-बार लगा जाम
पेड़ों को काटे जाने के कारण जबलपुर रोड पर दिन में कई बार जाम लगा। कई पेड़ कटने के बाद टू-लेन सडक़ पर आ गिरे, जिन्हें हटाने के दौरान दोनों ओर वाहनों की कतार लगी रही। पेड़ों की कटाई के दौरान लोगों की भीड़ भी लगी रही। काटे गए पेड़ में आम के विशाल पेड़ भी थे, जिनके कटने के बाद उनसे आम तोडऩे की होड़ भी लोगों में लगी रही।
दशकों पहले लगाए गए थे
शहर के बीच से गुजरे इस जबलपुर-नागपुर पुराने एनएच पर सडक़ के दोनों ओर सैकड़ों की संख्या में दशकों पहले पेड़ लगाए गए थे। दशकों तक हरियाली फैलाने वाले ये पेड़ फोरलेन हाइवे बनने के कारण सिवनी-जबलपुर व सिवनी-नागपुर के बीच पहले ही काटे जा चुके हैं। अब शहर के भीतर साढ़े तेरह किमी हिस्से में शेष रह गए तीन सैकड़ा पेड़ों को काटने का काम भी शुरु हो गया है। काटे जाने वाले पेड़ों में आम, पीपल, बड़ के पेड़ भी बड़ी संख्या में हैं।