Nagpur News: शहर-राज्य से दूर रहने वाले मतदाता वोट से वंचित, ऑनलाइन सुविधा नहीं

  • मतदान का अधिकार है, लेकिन सुविधा नहीं
  • चुनाव आयोग का रिमोट वोटिंग सिस्टम तैयार
  • चर्चा हुई, लेकिन प्रस्ताव लागू नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-19 12:32 GMT

Nagpur News : एक पथ प्रदर्शक पहल करते हुए, भारत के चुनाव आयोग ने लोस चुनाव 2024 में पहली बार बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए घर पर मतदान की सुविधा दी है। इसका अमल महाराष्ट्र राज्य में होने वाली विस चुनाव में भी देखने को मिला रहा है। एक ओर लोकशाही के इस उत्सव में लोगों की सहभागिता और मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोग की ओर से नव-नवीन गतिविधियां क्रियान्वित की जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर शहर-राज्य से दूर रहने वाले मतदाताओं को मतदान का अधिकार तो है, लेकिन सुविधा नहीं मिलने से उन्हे वोट डालने वंचित रहना पड़ रहा है।

ऑनलाइन सुविधा नहीं 

नौकरी ओर रोजगार के कारण कई लोगों को अपना शहर ही नहीं, राज्य भी छोड़कर दूसरे राज्य में जाकर काम करना पड़ता है। ऐसे शहर-राज्य से दूर रहने वाले मतदताओं के प्रदेश में जब भी चुनाव होते हैं, तब इनमें से अधिकतर मतदाता अपने गांव या शहर में नहीं जा पाते हैं। यह मतदाता वोट करने के लिए इच्छुक होते हैं, लेकिन ऐसी कोई ऑनलाइन सुविधा नहीं होने से अपने मताधिकार का उपयोग नहीं कर पाते हैं। इस मायग्रेट मतदाता यानी घर से दूर, किसी दूसरे शहर और राज्य में रहने वाला वोटर को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में वोट डालने की सुविधा उपलब्ध हो, इसलिए चुनाव आयोग ने घर से दूर रहने वाले मतदाता के लिए रिमोट वोटिंग सिस्टम तैयार कर लिया है। आयोग ने इसकी घोषणा की, लेकिन हाल ही में हुए न लोकसभा के चुनाव में और न महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा के चुनाव में इसका अमल किया है। अगर चुनाव आयोग रिमोट वोटिंग सिस्टम लागू करता, तो इसका विधानसभा के मायग्रेट मतदाताओं को निश्चित तौर पर लाभ मिलता।

मतदान का अधिकार है, लेकिन सुविधा नहीं, चुनाव आयोग का रिमोट वोटिंग सिस्टम तैयार

चुनाव आयोग ने कहा था कि 2019 के आम चुनाव में वोटर टर्नआउट 67.4 प्रतिशत था। 30 करोड़ से ज्यादा वोटर्स ने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया। चिंता की बात यही है। आयोग ने कहा, "वोटर नई जगह जाने पर कई वजहों के चलते वोटिंग रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया और वोटिंग नहीं कर पाता। घरेलू प्रवासियों का वोटिंग करने में असमर्थ होना चिंताजनक था, इसलिए रिमोट वोटिंग सिस्टम (आरवीएम) का प्लान बनाया गया।

चर्चा हुई, लेकिन प्रस्ताव लागू नहीं

देश के किसी भी कोने में रहते हुए अपने गृह प्रदेश या शहर के चुनाव में वोट डालने के लिए रिमोट वोटिंग सिस्टम पर खूब चर्चा हुई, लेकिन 2023 में सरकार ने संसद में साफ कर दिया था की अभी उसे लागू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

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