Nandubar News: एक ही परिवार में निर्दलीय सहित महायुति - महाआघाड़ी के उम्मीदवार
- परिवारवाद से बने विरोधी
- कई समस्याएं बरकरार
Nandubar News : नंदुरबार जिले की छह विधानसभा सीटों में से चार पर आदिवासी विकास मंत्री विजयकुमार गावित के परिवार से जुड़े लोग चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से दो निर्दलीय उम्मीदवार हैं, एक महायुति और दूसरा महाविकास आघाड़ी का उम्मीदवार है। मंत्री गावित के परिवार के खिलाफ सभी दलों के नेता एकजुट हो गए हैं, जिन्होंने गावित परिवार को शिकस्त देने के लिए राजनीतिक चक्रव्यूह रचा है। नंदुरबार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे मंत्री गावित के चुनाव क्षेत्र में करीब 70 प्रतिशत मतदाता आदिवासी हैं, जबकि 30 प्रतिशत मतदाता नंदुरबार शहर में रहते हैं। इनमें दलित, मुस्लिम और ओबीसी शामिल हैं। यही मतदाता मंत्री गावित को इस चक्रव्यूह से सुरक्षित बाहर निकलने का रास्ता दिखा सकते हैं। विधानसभा चुनाव में मंत्री गावित महायुति के उम्मीदवार हैं, जिनके खिलाफ महाविकास आघाड़ी से कांग्रेस के किरण तड़वी चुनाव लड़ रहे हैं। मंत्री गावित का प्रचार नंदुरबार शहर के युवा पूरी शिद्दत से कर रहे हैं। उनका मानना है, मंत्री गावित किसी की गुंडगर्दी चलने नहीं देते, इसलिए नंदुरबार अब भी व्यापार का केंद्र बना हुआ है। यह क्षेत्र लाल मिर्च के लिए सबसे बड़ी मंडी है। तीन महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में मंत्री गावित की कन्या हिना गावित को पराजय का सामना करना पड़ा है। बताया जा रहा है, हिना का राजनीतिक रंग उतारने के लिए सभी दलों के नेताओं ने सामूहिक योजना बनाई थी। इसकी पुनरावृति विधानसभा चुनाव में करने के लिए विरोधी ऐड़ी चोटी एक कर रहे हैं।
राजनीतिक समीकरण
बताया जा रहा है, पूर्व विधायक चंद्रकांत रघुवंशी महायुति में हैं, लेकिन विजयकुमार गावित के प्रचार में उनका कोई योगदान नहीं है। रघुवंशी की मंत्री गावित के साथ राजनीतिक लड़ाई है। रघुवंशी की मदद से ही इंजीनियर किरण तड़वी को महाविकास आघाड़ी से चुनाव लड़ने का अवसर मिला है। किरण तड़वी आर्थिक रूप से सक्षम उम्मीदवार है और ग्रामीणपरिसर में उन्हें अच्छा प्रतिसाद देखने को मिल रहा है। जबकि, मंत्री गावित को शहर के लोग पसंद कर रहे हैं। तड़वी के प्रचार के लिए राहुल गांधी की सभा हुई, लेकिन मंत्री गावित खुद के दम पर चुनाव लड़ रहे हैं, जिनके लिए अबतक किसी बड़े नेता की सभा नहीं हुई है।
जमीनी वातावरण
स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो विजयकुमार गावित किसी भी पार्टी में रहें करीब 25 प्रतिशत मतदाता हमेशा उनके साथ रहते हैं। विरोधी उम्मीदवार को शून्य से शुरुआत करनी पड़ती है, इसलिए इस चुनाव में सभी विरोधियों ने एकसाथ मिलकर मंत्री गावित के खिलाफ राजनीतिक चक्रव्यूह बनाया है, इसलिए मंत्री गावित को इस चुनाव में संघर्ष करना पड़ रहा है।
छह में से चार गावित
जिले की छह विधानसभा क्षेत्र में से चार क्षेत्र में मंत्री गावित के परिवार के सद्स्य चुनाव लड़ रहे हैं। विधानसभा क्रमांक एक अक्कलकुवा से पूर्व सांसद हिना गावित निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। विधानसभा क्रमांक दो शहादा तलोदा से मंत्री गावित के सगे छोटे भाई राजेंद्र गावित कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। विधानसभा क्रमांक तीन नंदुरबार से मंत्री विजयकुमार गावित भाजपा के उम्मीदवार हैं और विधानसभा चुनाव क्षेत्र क्रमांक चार नवापुर से मंत्री गावित के छोटे भाई शरद गावित निर्दलीय उम्मीदवार हैं।
परिवारवाद से बने विरोधी
स्थानीय कार्यकर्ताओं की मानें तो हर चुनाव में जीत दर्ज करने वाले मंत्री विजयकुमार गावित की, परिवार को सत्ता का केंद्र बनाने की महत्वकांक्षा ने उनके खिलाफ अनेक राजनीतिक विरोधी निर्माण किए हैं। विगत पांच वर्षों में पंचायत समिति पर उनका कब्जा रहा है। कन्या हिना गावित सांसद, स्वयं विजयकुमार गावित आदिवासी विकास मंत्री, दूसरी कन्या सुप्रिया गावित जिला परिषद अध्यक्ष बनने के बाद मंत्री गावित का व्यव्हार मतदाताओं के प्रति ठीक नहीं हैं, इसलिए लोग उनसे नाराज हैं। मंत्री गावित और पूर्व सांसद हिना गावित व्यक्तिगतस्तर पर कुछ ठीक हैं, लेकिन उनकी छोटी कन्या को मतदाता असभ्य बता रहे हैं। स्थानीय नागरिक मंत्री गावित की ठेकेदारों के प्रति सहानभुति होने का दावा करते हैं। मंत्री विजयकुमार गावित 1995 इस विधानसभा चुनाव क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
राजनीति का हॉटस्पॉट
अक्कलकुवा यह सबसे चर्चित विधानसभा चुनाव क्षेत्र है। यहां पर पूर्व सांसद हिना गावित निर्दलीय उम्मीदवार हैं। वर्तमान विधायक व पूर्व मंत्री केसी पाड़वी कांग्रेस के विधायक हैं। विधान परिषद सदस्य अमशा पाड़वी महायुति से शिंदे गुट के उम्मीदवार हैं। कांग्रेस से भाजपा में दाखिल होकर फिर से कांग्रेस में लौटने वाले पूर्व मंत्री पद्माकर वलवी अब आदिवासी भारतीय पार्टी से जुड़ गए हैं।।
शहादा में सीधा मुकाबला
शहादा विधानसभा क्षेत्र में मंत्री विजयकुमार गावित के सगे भाई महाविकास आघाड़ी से कांग्रेस के राजेंद्र गावित चुनाव लड़ रहे हैं, जिनका मुकाबला महायुति से भाजपा के उम्मीदवार विधायक राजेश पाड़वी के साथ है। शहादा में पाड़वी को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है, क्योंकि वह हमेशा नागरिकों से संपर्क बनाए रहते हैं। जबकि, गावित के मौसम में ही लोगों को नजर आते हैं। वह, विगत कई वर्षों से विधायक बनने का सपना देख रहे हैं।
तिरंगी मुकाबला
नवापूर विधानसभा क्षेत्र से विजयकुमार गावित के सगे भाई शरद गावित निर्दलीय उम्मीदवार हैं, जिनका मुकाबला महायुति से अजित पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस के भरत गावित व महाविकास आघाड़ी से विधायक शिरीष नाईक से हैं। भरत के पिता माणिकराव इस क्षेत्र से नौ सांसद और देश के केंद्रीय गृहराज्यमंत्री रह चुके हैं। जबकि, शिरीष के पिता स्वरूपसिंग नाईक राज्य में मंत्री रह चुके हैं। यह तिरंगी मुकाबला होगा। इस चुनाव क्षेत्र में धर्म परिवर्तन करते हुए ईसाई धर्म स्वीकारने वाले मतदाताओं की संख्या अधिक है।
कई समस्याएं बरकरार
आदिवासी परिसर में हत्तीरोग, सिकलसेल, कुपोषण की समस्या से नागरिक परेशान हैं। अबतक इस समस्या पूरी तरह से निपटारा नहीं हुआ है। दुर्गम इलाकों में रूग्णवाहिका की समस्या है। स्वच्छ पाणी की समस्या का उन्हें सामना करना पड़ रहा हैं।