काम रुका: 279 ने दबाए पीएम आवास के दो करोड़, शासन ने 1518 हितग्राहियों की रोकी राशि
- कई हितग्राहियों ने नहीं कराया मकान निर्माण
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। प्रधानमंत्री आवास योजना के 1518 हितग्राही तीसरी किश्त के लिए परेशान है। किसी का मकान अधूरा पड़ा है तो किसी ने उधार लेकर इस आस में काम करवा लिया कि पैसा आते ही वापस कर देंगे, लेकिन अब हालात ये हैं कि निगम को ही ये फंड शासन से नहीं मिल पा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह उन हितग्राहियों को माना जा रहा है। जिन्होंने राशि लेने के बाद भी न तो निर्माण कार्य करवाया और न ही अब राशि वापस करने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नगर निगम क्षेत्र के हितग्राहियों को ढाई लाख रुपए की सहायता राशि योजना के तहत प्रदान की जाती है। छिंदवाड़ा में 2017 से अब तक 279 हितग्राही ऐसे चिन्हित किए गए थे। जिनका प्रकरण सेंग्सन होने के बाद राशि जारी कर दी गई, लेकिन इन हितग्राहियों ने मकान निर्माण नहीं कराया। पहले नोटिस ओर उसके बाद वसूली का प्रकरण तहसीलदार को भेजा गया। दो करोड़ की बड़ी राशि इन हितग्राहियों से निगम को वसूल करनी है। इनसे वसूली में फेल हुए अफसरों के कारण 1518 हितग्राहियों को मिलने वाली तृतीय किश्त शासन ने रोक ली है। इनमें 2९६ हितग्राही ऐसे हैं जिन्हे द्वितीय किश्त भी जारी की जानी थी।
क्यों बनी ये स्थिति?
निगम द्वारा चिन्हित किए गए हितग्राहियों में अधिकांश वे हैं जिनको कोरोना काल के पहले राशि प्रदान की गई थी। अधिकांश हितग्राहियों ने इस संकट काल में या तो बीमारी में पैसा लगा दिया या फिर काम धंधा नहीं हो पाने के कारण राशि खर्च कर डाली। ज्यादातर हितग्राही गरीब तबके हैं। जो इतने भी सक्षम नहीं की पैसा वापस कर सकें। यही कारण है कि बार-बार नोटिस के बाद भी राशि वापस नहीं आ पा रही है।
अब तक क्या हुआ
पहले नगर निगम ने अभियान शुरु करते हुए इन हितग्राहियों को पहले निर्माण कार्य शुरु करवाने की समझाइस दी।
पहले इन हितग्राहियों की संख्या 500 के पार थी। घटकर अब 279 बची है। कुछ ने काम शुरु किया तो कुछ ने राशि वापस कर दी।
निगम के मानने पर नहीं मानने पर अधिकारियों ने प्रकरण तहसील न्यायालय में भेज दिए। न्यायालय में इन हितग्राहियों की लंबी सुनवाई हुई।
इनका कहना है
पहले हितग्राहियों को मकान शुरु करवाने की समझाइस दी जाएगी। यदि इसके बाद भी नहीं माने तो वसूली में सख्ती बरतेंगे।
ईश्वरसिंह चंदेली
ईई, नगर निगम