पहलवानों ने IOA को लिखा पत्र, गवर्निंग बॉडी के पास है फेडरेशन भंग करने का अधिकार
पहलवानों का धरना प्रदर्शन पहलवानों ने IOA को लिखा पत्र, गवर्निंग बॉडी के पास है फेडरेशन भंग करने का अधिकार
- पहले भी कई फेडरेशन को भंग कर चुका है IOA
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले भारतीय पहलवानों ने अब IOA को पत्र लिखकर अपन दर्द बयां किया है। इस बीच पहलवानों ने फेडरेशन के खिलाफ यौन उत्पीड़न, पैसों का गबन और खिलाड़ियों के मानसिक प्रताड़ना देने का आरोप लगाया था। इससे पहले शुक्रवार शाम को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और पहलवानों के बीच चार घंटे तक बैठक चली थी, जिसके बाद पहलवानों ने बताया कि वह खेल मंत्री की कुछ बातों से संतुष्ट नहीं थे। हालांकि, इस बीच एक बात जो सामने निकलकर आई है वह यह है कि खेल मंत्रालय बृजभूषण को नहीं हटा सकती है लेकिन भारतीय ओलम्पिक संघ (IOA) के पास अधिकार है कि वह फेडरेशन को भंग कर सकती है।
पहले भी कई फेडरेशन को भंग कर चुका है IOA
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के पास राष्ट्रीय महासंघ को भंग करने का अधिकार होता है। ऐसा वह 2008 और 2009 में भी कर चुकी है। IOA ने 2008 में हॉकी फेडरेशन को भंग कर दिया था। उस समय फेडरेशन की सचिव ज्योति कुमारन पर एक स्टिंग ऑपरेशन में खिलाड़ी से पैसे लेने की बात सामने आई थी।
उस दौरान भारतीय हॉकी महासंघ के अध्यक्ष केपीएस गिल थे। इसके बाद अस्थायी समिति की कमान पूर्व हॉकी खिलाड़ी असलम शेख खान को सौंपी गई थी। इस समिति के सदस्यों में पूर्व हॉकी खिलाड़ी अजीतपाल सिंह, जफर इकबाल, धनराज पिल्लई और अशोक कुमार शामिल थे।
वेटलिफ्टिंग फेडरेशन पर भी गिरी थी गाज
2009 में आईओए ने वेटलिफ्टिंग फेडरेशन को भी भंग कर दिया था। उस समय वेटलिफ्टिंग में डोप के कई मामले लगातार सामने आ रहे थे। उस दौरान वेटलिफ्टिंग फेडरेशन के अध्यक्ष हरभजन सिंह थे। खेल मंत्रालय ने उनसे अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की मांग की थी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था। इसके बाद मंत्रालय ने दूसरा रास्ता अपनाते हुए आईओए से महासंघ को भंग करा दिया था।