Violent Protests In Pakistan: पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन के बाद वापस लौटी श्रीलंकाई टीम, पूर्व पीएम इमरान खान के समर्थकों ने सड़कों पर किया विरोध प्रदर्शन
- पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन के बाद वापस लौटी श्रीलंकाई टीम
- पूर्व पीएम इमरान खान के समर्थकों ने सड़कों पर किया विरोध प्रदर्शन
- दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड ने लिया फैसला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व पाकिस्तानी कप्तान और प्रधानमंत्री इमरान खान के तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के रविवार को किए विरोध प्रदर्शन के बाद श्रीलंका ए टीम और पाकिस्तान शाहीन (ए टीम) के बीच इस्लामाबाद जारी सीरीज को स्थगित कर दिया गया है। इसके अलावा अब पूरी श्रीलंकाई टीम चल रहे सीरीज को छोड़ कर अपने देश वापस लौटने भी वाली है। इस बात की पुष्टी करते हुए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने मंगलवार ने बताया कि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड बात चीत के बाद यह निर्णय किया गया है।
दरअसल, श्रीलंका की ए टीम और पाकिस्तान शाहिन के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज खेली जा रही है। सीरीज का पहला मुकाबला सोमवार 25 नवंबर को खेला गया था। इस मुकाबले में मेजबान टीम ने 108 रनों से बाजी मार ली थी। इस दौरान पहले बल्लेबाजी करते हुए मेजबान टीम ने 50 ओवरों में सात विकेट गवांकर 306 रन जोड़े थे। इसके जवाब में उतरी श्रीलंकाई टीम महज 198 रनों पर ढेर हो गई थी। मुकाबले में जीत के बाद पाकिस्तान ने सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल कर ली थी।
दोनों देशों के बीच जारी सीरीज के अगले दोनों मैच बुधवार 27 नवंबर और शुक्रवार 29 नवंबर को रावलपिंडी में खेले जाने वाले थे। लेकिन पाकिस्तान में जारी इस हिंसक राजनीतिक प्रदर्शन की वजह से दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड ने इन मैचों को स्थगित कर दिया। हालांकि, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने बताया कि नई तारीखों का जल्द ऐलान किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इमरान खान भ्रष्टाचार के आरोंपो की वजह से पिछले साल अगस्त से जेल में बंद हैं। उन्होंने कथित तौर पर चोरी किए जनादेश और 26वें संशोधन की निंदा करते हुए उन्होंने 13 और 24 नवंबर को देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया था। जिसके बाद इमरान खान की पार्टी के सर्मथकों ने सरकार के खिलाफ राजधानी की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करना शुरु कर दिया था। मंगलवार को समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़प में 6 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल भी हुए। इस हिंसक प्रदर्शन के बाद सरकार ने राजधानी में सेना तैनात करने और उपद्रव करने वाले लोगों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं।