नए कानून: देश में आए तीन नए क्रिमिनल कानून, जानिए कैसे लिखवाएं घर बैठे एफआईआर

  • नए कानूनों को टेक्नोलॉजी से जोड़ा गया
  • घर बैठे कर सकते है ई-एफआईआर
  • एसएचओ एफआईआर को रिव्यू करेगा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-01 08:49 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की आजादी के 75 साल बाद आज यानी 1 जुलाई से तीन नए कानून लागू हो गए है। अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे तीन मुख्य आपराधिक कानूनों की जगह अब नए कानून देश में आ गए हैं। तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हैं। इसमें पहली बार ई-एफआईआर का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा एक हफ्ते में ही ऑनलाइन फैसला उपलब्ध कराना जरूरी है।

आपको बता दें तीन नए कानूनों को पिछले साल दिसंबर में संसद में पास किया गया था। हमारे जीवन में टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए नए कानूनों में भी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर ज्यादा से ज्यादा जोर दिया है। कानूनों में ज्यादातर कानूनी काम-काज को डिजिटल बनाने का प्रयास किया गया है। चलिए जानते हैं तीन नए क्रिमिनल कानून क्या हैं। साथ ही यह भी जानेंगे कि कैसे इन कानूनों को टेक्नोलॉजी के साथ कैसे जोड़ा गया है और आप कैसे ई-एफआईआर कर सकते हैं।

तीन नए क्रिमिनल कानून क्या हैं?

आज यानी 1 जुलाई से लागू होने वाले तीन नए क्रिमिनल कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएऩएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) हैं। इन कानूनों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और पुराने भारतीय साक्ष्य अधिनियम (आईईए) की जगह लागू किया गया है।

नए कानूनों को टेक्नोलॉजी से जोड़ा गया

नए कानूनों में टेक्नोलॉजी पर विशेष फोकस किया गया है। दस्तावेजों के अलावा अब डिजिटल रिकॉर्ड्स भी रखे जाएंगे। ई-मेल, सर्वर लॉग्स, कंप्यूटर, स्मार्ट फोन, लैपटॉप्स, एसएमएस, लोकेशनल सबूत, डिवाइस पर उपलब्ध मेल और मैसेज को कानूनी वैधता दी गई है। सरकार का कहना है कि इससे अदालतों में लगने वाले कागजों के ढेरों से मुक्ति मिलेगी।

भारतीय न्याय संहिता में बदलाव किया गया है। अब ई-कम्युनिकेशन के जरिए दी गई खबर पर भी एफआईआर लिखी जा सकती है। अब घर बैठे ही एफआईआर दर्ज करवाई जा सकती है और थाने के चक्कर से भी बचत होगी। इसके अलावा अगर आप ई-एफआईआर दर्ज करवाते हैं तो आपको तीन दिन के अंदर थाने जाना होगा। अगर आप ई-एफआईआर दर्ज करवाने के बाद तीन दिन के अंदर थाने नहीं जाते हैं तो आपकी एफआईआर को फर्जी माना जाएगा।

घर बैठे कैसे करें ई-एफआईआर दर्ज?

नए कानून में अब जीरो एफआईआर, समन के लिए एसएमएस जैसे इलेक्ट्रॉनिक तरीकों का इस्तेमाल, पुलिस कंपलेंड का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, घटनास्थल की वीडियोग्राफी जैसे नियमों को शामिल किया गया है। अगर आपके साथ कोई समस्या हो जाए तो जानिए कैसे ई-एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं।

कैसे करें ई-एफआईआर दर्ज?

किसी क्राईम की स्थिति में अगर पीड़ित खुद उस समय पुलिस स्टेशन नहीं जा सकता है, तो वह घर बैठे ई-एफआईआर कर सकता है। पीड़ित इलैक्ट्रॉनिक माध्यम जैसे एसएमएस और इ-मेल से अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है।

सबसे पहले अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर जा सकते हैं। इसके अलावा आप किसी भी ई-कम्युनिकेशन माध्यम से पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत भेज सकते हैं। इसके बाद घटना की पूरी डिटेल फिल करें। अपनी पर्सनल डिटेल भरें और इसके साथ ही जरूरी दस्तावेजों की डिटेल भी भरें।

ई-एफआईआर दर्ज करने के बाद वेरिफिकेशन के लिए ई-एफआईआर को जांच अधिकारी को भेजा जाएगा। इसके बाद इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रारंभिक जांच शुरू करेगा कि प्रथम दृष्टया कोई मामला है या इसमें करीब 14 दिन लगेंगे। ई-कम्यूनिकेशन के जरिए भेजी गई शिकायत को तीन दिन के अंदर रिकॉर्ड किया जाएगा। इसके बाद ई-एफआईआर को दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा अगर शिकायत के आधार पर तुरंत एक्शऩ लेने की जरूरत है तो इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर मामला दर्ज कर सकता है। एसएचओ की तरफ से एफआईआर को रिव्यू किया जाएगा। इसके बाद इन्वेस्टिगेशन अधिकारी को असाइन किया जा सकता है। इसके अलावा शिकायतकर्ता को एफआईआर की कॉपी फ्री में दी जाएगी।

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