पहले चरण की आधे से ज्यादा सीटों पर मिल रही है कड़ी टक्कर, क्या वापस बीजेपी की झोली में गिरेंगी ये सीटें?
बीजेपी की बड़ी मुश्किल पहले चरण की आधे से ज्यादा सीटों पर मिल रही है कड़ी टक्कर, क्या वापस बीजेपी की झोली में गिरेंगी ये सीटें?
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी विधानसभा में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होगा। सभी राजनीतिक दल जनता के बीच जाकर पार्टी की प्रचार कर रहे है। गौरतलब है कि पहले चरण के चुनाव में अबकी बार भाजपा के लिए पिछली बार का प्रदर्शन दोहरा पाना बड़ा मुश्किल लग रहा है।
साल 2017 में ब्रज में शामिल आगरा, अलीगढ़ और मथुरा समेत 11 जिलों की 58 में से 53 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। जबकि बसपा और सपा को दो-दो और रालोद को एक सीट पर ही संतोष करना पड़ा था। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक इस बार भाजपा के उतना आसान नहीं होगा। कयास यही लगाए जा रहे हैं कि हर सीट पर जबरदस्त टक्कर देखने को मिल सकती है।
आगरा की सभी सीटों पर मिली थी जीत
आगामी 10 फरवरी को पहले चरण को चुनाव होने वाला है। अगर हम आगरा की बात करें तो यह पहले चरण में सबसे ज्यादा सीटों वाला जिला है। कुल मिलाकर यहां पर 9 विधानसभा सीटें हैं। बीते विधानसभा चुनाव पर यहां बीजेपी ने सभी सीटों पर परचम फहराया था।
मथुरा की पांच सीटों में से चार पर बीजेपी और एक पर बसपा ने जीत हासिल की थी। अलीगढ़ में सात सीटे हैं, सातों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। नोएडा में तीनों सीटों पर बीजेपी ने ही जीत दर्ज की थी। गाजियाबाद में भी पांचों सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। हालांकि अबकी बार परिस्थितियां कुछ अगल सी दिख रही है।
पश्चिमी यूपी में भी बीजेपी का रहा दबदबा
अगर हम बात करें पिछले विधानसभा चुनाव की तो साल 2017 में तो मेरठ की सात में छह सीट भाजपा और एक सपा को मिली थी। वहीं मुजफ्फरनगर की छह में से छह सीटों पर बीजेपी ने ही जीत दर्ज की थी। हापुड़ की तीन में दो भाजपा और एक बसपा को मिली थी।
बागपत की तीन सीट में से दो पर भाजपा और एक छपरौली रालोद के खाते में आई थी। शामली में एक सपा व दो भाजपा को मिली थीं। इस प्रकार पहले चरण में शामिल 58 में 53 सीट भारतीय जनता पार्टी, दो सपा, दो बसपा जबकि एक रालोद को मिली थी। अबकी बार बीजेपी के लिए पुराना प्रदर्शन दोहराना मुश्किल लग रहा है।
मोदी लहर में बीजेपी को मिली थी जबरदस्त जीत
उत्तर प्रदेश में साल 2017 विधानसभा चुनाव में मोदी का जादू कायम था। जिसकी बदौलत बीजेपी ने आगरा से लेकर बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद तक सभी सीटों पर अपना परचम लहराया था। हालांकि 2022 में माहौल अगल ही दिख रहा है। ऐसे में बीजेपी पिछली बार का प्रदर्शन दोहराने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। यहां तक कि बीजेपी की तरफ से गृहमंत्री अमित शाह खुद पार्टी का प्रचार कर वोट मांग रहे हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वोटिंग का असर पूर्वांचल की सीट पर भी पड़ेगा। इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री सहित तमाम दिग्गज पुराना प्रदर्शन दोहराने के लिए मैदान में मोर्चा संभाले हुए हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पहले चरण के वोटिंग में विपक्ष से जबरदस्त टक्कर है।
कांग्रेस का नहीं खुला था खाता
अगर हम पिछली विधानसभा चुनाव 2017 की बात करें तो कांग्रेस ने पहले चरण की 58 सीटों में किसी भी सीट पर जीत नहीं हासिल कर पाई थी। कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था। गौरतलब है कि पहले चरण में शामिल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिले जाट, मुस्लिम के अलावा अनुसूचित वर्ग, पिछड़ा बहुल्य है। ब्राह्मण, क्षत्रिय के अलावा बड़ी संख्या में गैर जाट व गैर यादव बिरादरियां इस क्षेत्र से आती हैं। अबकी बार हर सीट पर टक्कर का कयास लगाया जा रहा है।