Mumbai News: अंबादास दानवे ने कहा - कार्यकर्ताओं की इच्छा है आगामी चुनाव अपने बल पर लड़ें
- हमारे कार्यकर्ताओं ने भी की थी अकेले चुनाव लड़ने की वकालत - वडेट्टीवार
- कार्यकर्ताओं की इच्छा है आगामी चुनाव अपने बल पर लड़ें
- महाविकास आघाडी में संकट के बादल
Mumbai News : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाडी के दलों को मिली करारी हार के बाद, अब तीनों ही दलों में मंथन का दौर शुरू हो गया है। शिवसेना (उद्धव), राकांपा (शरद) और कांग्रेस सभी अपने-अपने नवनिर्वाचित विधायकों और हारे हुए उम्मीदवारों के साथ हार के कारणों पर चर्चा कर रहे हैं। शिवसेना (उद्धव) विधायक अंबादास दानवे ने बुधवार को एक खुलासा किया है। दानवे ने कहा कि कुछ दिन पहले पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में हुई बैठक में पार्टी के कुछ नेताओं ने आगामी चुनाव अकेले लड़ने की मांग की है। हालांकि इस पर अभी तक पार्टी ने कुछ फैसला नहीं लिया है। दानवे के बयान पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। महाआघाडी के नेताओं के इस तरह के बयान से अब गठबंधन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। दरअसल दो दिन पहले उद्धव ठाकरे ने विधानसभा चुनाव हारनेवाले प्रत्याशियों से बातचीत की थी। इस बैठक में उद्धव गुट के नेता अंबादास दानवे भी मौजूद थे। तभी इस बैठक में कुछ उम्मीदवारों ने सवाल उठाया कि पहले लोकसभा और अब इस विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी को आघाडी के सहयोगी दलों का कुछ खास सहयोग नहीं मिला। यही कारण है कि पार्टी को आगामी चुनाव अपने दम पर लड़ना चाहिए। दानवे ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने उम्मीदवारों की राय पर अभी कुछ नहीं कहा है। इसके आलावा बैठक में पार्टी के कुछ पदाधिकारियों ने ईवीएम को लेकर भी सवाल उठाए। दानवे के बयान के बाद अब राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या आगामी महानगरपालिका के चुनावउद्धव गुट स्वतंत्र रूप से लड़ेगा।
दानवे के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं की भूमिका कभी-कभी अलग रहती है, लेकिन इसे गठबंधन से अलग होने को लेकर नहीं देखना चाहिए। वडेट्टीवार ने कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले हमारी पार्टी के कुछ नेताओं ने भी अकेले चुनाव लड़ने की वकालत की थी। लेकिन पार्टी आलाकमान ने महाविकास आघाडी के बैनर तले चुनाव लड़ने को लेकर फैसला किया। उन्होंने कहा कि फिलहाल महाआघाडी के दलों की प्राथमिकता महायुति के झूठ और फरेब को बेनकाब करना है।