हार के साइड इफेक्ट: महाविकास अघाड़ी में दिखे दरार पड़ने के संकेत! उद्धव गुट के नेता बोले - पार्टी को अकेले लड़ना...
- हार के बाद महाविकास अघाड़ी में पड़ी दरार
- उद्धव गुट के नेता ने कहा पार्टी के अकेले लड़ना चाहिए चुनाव
- पार्टी का जन्म सत्ता पर कब्ज़ा करने के लिए नहीं हुआ
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है। हार के बाद गठबंधन में दरार पड़ने के संकेत दिखाई देने लगे हैं। दरअसल, शिवसेना उद्धव गुट के नेता अंबादास दानवे ने बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि कार्यकर्ताओं के एक वर्ग का मानना है कि पार्टी को भविष्य में अकेले चुनाव लड़ना चाहिए।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ''ये विचार पिछले तीन दिनों में सेना (यूबीटी) के उम्मीदवारों की ओर से व्यक्त किए गए, जिन्होंने हाल ही में विधानसभा चुनाव लड़ा। पार्टी के एक बड़े वर्ग के बीच स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की भावना है। यह बात मायने नहीं रखती कि शिवसेना (यूबीटी) को सत्ता मिलेगी या नहीं।''
पार्टी का जन्म सत्ता पर कब्ज़ा करने के लिए नहीं हुआ
दानवे ने आगे कहा, ''पार्टी (शिवसेना) का जन्म सत्ता पर कब्ज़ा करने के लिए नहीं हुआ था। यह एक ऐसी पार्टी है जो एक विचारधारा पर काम करती है।'' उनकी टिप्पणी पर गठबंधन में उनकी सहयोगी कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने भी प्रतिक्रिया दी। जिसमें उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) की तरह ही देश की सबसे पुरानी पार्टी के कार्यकर्ता भी आने वाले समय में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ना चाहते हैं।'' उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग भी अकेले चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन यह पार्टी का निर्णय नहीं हो सकता। हम अपनी हार के परिणाम और कारणों का विश्लेषण करने की प्रक्रिया में हैं।
ईवीएम पर है संदेह
वडेट्टीवार ने कहा, ''मोदी लहर के चरम के दौरान भी हमने मौजूदा नतीजों से बेहतर प्रदर्शन किया और यही वजह है कि हमें ईवीएम पर संदेह है। सिर्फ राजनीतिक दल ही नहीं, यहां तक कि आम जनता भी ईवीएम पर संदेह उठा रही है। उन्होंने कहा, ''न्यायपालिका को इस पर ध्यान देना चाहिए।
वहीं दानवे के बयान पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि हर किसी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है।