भाजपा कोटे के मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड जारी करने के तलाशे जा रहे सियासी मायने
बिहार भाजपा कोटे के मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड जारी करने के तलाशे जा रहे सियासी मायने
- बिहार : भाजपा कोटे के मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड जारी करने के तलाशे जा रहे सियासी मायने
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में सतारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सबसे बड़े घटक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कोटे के मंत्रियों द्वारा एक साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड जारी करने को लेकर अब सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं।
कुछ लोग इसे भाजपा की अलग रणनीति बताते हुए अन्य घटक दलों से सर्वश्रेष्ठ साबित करने की बात कह रहे हैं।
राज्य में राजग सरकार के एक साल पूरे हुए हैं। वैसे, कुछ महीनों को छोड़ दें, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 15 सालों से राजग की सरकार चल रही है। इस दौरान कभी ऐसा नहीं हुआ कि किसी घटक दल के कोटे से बने मंत्रियों द्वारा अपने -अपने विभागों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया गया हो।
दीगर बात है कि पहले नीतीश कुमार प्रत्येक साल राज्य सरकार की उपलब्धियों को लेकर रिपोर्ट कार्ड जारी करते थे। इस दौरान सरकार के मंत्री भी उपस्थित होते थे । कुछ वर्षों से मुख्यमंत्री ऐसा नहीं कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि भाजपा कोटे के मंत्रियों द्वारा सरकार के एक साल पूरा होने पर अपना अपना रिपोर्ट कार्ड जारी कर रहे हैं। भाजपा कोटे के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने गुरुवार को अपने विभाग की एक वर्ष की उपलब्धियों को गिनाया था।
इधर, राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह भाजपा के दबाव में हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता के कारण सभी जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एक है, लेकिन रिपोर्ट कार्ड अलग अलग जारी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की यह रणनीति नीतीश कुमार को विकास के मायने में छोटा दिखाने की है।
इधर, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा कहते हैं कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह सरकार राजग की चल रही है। उन्होंने कहा कि विभागवार रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाता है तो यह सुशासन का प्रमाण है और नीतीश कुमार की पारदर्शिता के सिद्धांत के अनुरूप है। इसमें किसी को कोई परेशानी क्यों है।
आईएएनएस