जम्मू में विधानसभा सीटों के परिसीमन पर मचा बवाल, फारूक अब्दुल्ला भड़के
जम्मू कश्मीर जम्मू में विधानसभा सीटों के परिसीमन पर मचा बवाल, फारूक अब्दुल्ला भड़के
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्म कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन को लेकर बवाल शुरू हो गया। बता दें कि आयोग ने जम्मू में 6 अतिरिक्त सीटें गठित करने का प्रस्ताव दिया है, इसके अलावा कश्मीर में भी एक सीट बढ़ेगी। यही नहीं परिसीमन आयोग ने 16 सीटों के आरक्षण का भी प्रस्ताव दिया है। इन आरक्षित सीटों में से 9 सीटें जनजातीय समुदायों और 7 सीटें दलित वर्ग के लिए आरक्षित होंगी।
— ANI (@ANI) December 20, 2021
परिसीमन आयोग ने दिया आरक्षण का प्रस्ताव
आपको बता दें कि परिसीमन आयोग ने 16 सीटों के आरक्षण का प्रस्ताव दिया है। इन आरक्षित सीटों में से 9 सीटें जनजातीय समुदायों और 7 सीटें दलित वर्ग के लिए आरक्षित होंगी। हालांकि परिसीमन आयोग की सिफारिशों पर बवाल मच गया है और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा पीडीपी ने भी आयोग की रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वह भाजपा के इशारों पर काम कर रहा है।
जम्मूकश्मीर के नेताओं ने जताई आपत्ति
आपको बता दें कि पहली बार परिसीमन आयोग की मीटिंग में शामिल हुए फारूक अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अन्य नेताओं ने रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है। बता दें कि पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि इसमें सीटें तय करने के मामले में पक्षपात किया गया है। पार्टी ने रिपोर्ट पर साइन न करने का फैसला लिया है। जम्मू कश्मीर के प्रस्तावित इलेक्टोरल मैप को लेकर भाजपा से नजदीकी रखने वाली पार्टियों जेके अपनी पार्टी और पीपल्स कॉन्फ्रेंस ने भी आपत्ति जताई है। कश्मीर में फिलहाल 46 सीटें आती हैं, जबकि जम्मू में 37 सीटें हैं। नए प्रस्ताव के अनुसार जम्मू में अब 43 सीटें हो जाएंगी, जबकि कश्मीर में यह आंकड़ा 47 हो जाएगा।
जम्मूकश्मीर की आबादी को लेकर आपत्ति
आपको बता दें कि 2011 की जनगणना के मुताबिक जम्मू की आबादी 53.72 लाख है, जबकि कश्मीर की जनसंख्या 68.83 लाख है। एक तरफ नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस पर आपत्ति जताई है तो वहीं केंद्रीय जितेंद्र सिंह का कहना है कि इस रिपोर्ट पर सभी की सहमति है। उन्होंने कहा, अब्दुल्ला ने मीटिंग में कहा था कि हमें परिसीमन आयोग में गलत जानकारी दी थी, उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है। आयोग ने अब जम्मू कश्मीर में सीटों की संख्या बढ़ाकर 90 करने का फैसला लिया है। आयोग ने जनसंख्या, जिलों के भूगोल और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए ये सिफारिशें दी गई हैं।