विधान परिषद चुनाव में भाजपा का लक्ष्य बहुमत, जद (एस) के समर्थन की संभावना

कर्नाटक विधान परिषद चुनाव में भाजपा का लक्ष्य बहुमत, जद (एस) के समर्थन की संभावना

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-22 14:30 GMT
विधान परिषद चुनाव में भाजपा का लक्ष्य बहुमत, जद (एस) के समर्थन की संभावना

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा का लक्ष्य 10 दिसंबर को होने वाले विधान परिषद चुनाव में बहुमत हासिल करना है। पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा पहले ही जद (एस) नेताओं से भाजपा उम्मीदवारों का समर्थन करने की अपील कर चुके हैं। नामांकन जमा करने का अंतिम दिन 23 नवंबर (मंगलवार) है। भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जबकि कांग्रेस और जद (एस) के सोमवार तक घोषणा करने की संभावना है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यभर में अपनी जन स्वराज यात्रा पहले ही पूरी कर ली है। येदियुरप्पा, जगदीश शेट्टार, डी.वी. सदानंद गौड़ा और कैबिनेट मंत्रियों ने पार्टी को मजबूत करने और चुनाव के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए राज्य का दौरा किया।

दूसरी ओर, कांग्रेस बिटकॉइन घोटाले को लेकर भाजपा पर तीखे हमले कर रही है। हालांकि जद (एस) ने इस संबंध में कोई खुला बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि चूंकि पार्टी को भाजपा के समर्थन से परिषद में अध्यक्ष पद हासिल है, इसलिए यह लगभग तय है कि वह भाजपा का समर्थन करेगी। 75 सदस्यीय परिषद में बहुमत हासिल करने के लिए 38 की जादुई संख्या हासिल करनी होती है। भाजपा इस समय 32 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, कांग्रेस के 29 और जद (एस) के 12 सदस्य हैं, फिर भी जद (एस) को भाजपा के समर्थन से परिषद में अध्यक्ष पद मिला हुआ है। परिषद की 25 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं, क्योंकि 20 स्थानीय प्राधिकरणों के निर्वाचन क्षेत्रों से विधान परिषद के कई मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल 5 जनवरी, 2022 को समाप्त हो जाएगा।

भाजपा को बहुमत हासिल करने के लिए 12 से ज्यादा सीटें जीतनी होंगी। हंगल उपचुनाव में पार्टी की हार के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर परिषद चुनाव में बहुमत हासिल करने का जबरदस्त दबाव है। यदि भाजपा सत्ता प्राप्त कर लेती है, तो वह अन्य दलों पर निर्भर हुए बिना सभी अधिनियमित विधेयकों को पारित करवा सकती है। कांग्रेस के बहुमत हासिल करने की संभावना बहुत कम है। हालांकि, कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने में लगी है और जद (एस) की रणनीति केवल जीतने वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की है। संभावना है कि जद (एस) अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा का समर्थन करेगी।

(आईएएनएस)

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