वक्फ रिपोर्ट: जेपीसी में शामिल विपक्षी दलों के सांसदों ने ड्राफ्टिंग रिपोर्ट पर उठाए सवाल
- 29 नवंबर को रिपोर्ट दी जानी चाहिए
- समिति ने बिहार, पश्चिम बंगाल का दौरा नहीं किया
- बिना विचार विमर्श और राय के एकतरफा निर्णय लेने का आरोप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एआईएमआईएम सांसद और जेपीसी सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने कहा अधिदेश यह है कि रिपोर्ट 29 नवंबर को दी जानी चाहिए। हम इसे कैसे दे सकते हैं, इसके लिए एक प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए जो नहीं किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस समिति ने बिहार, पश्चिम बंगाल का दौरा नहीं किया है। संसदीय समिति में शामिल विपक्षी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मिलकर जेपीसी अध्यक्ष पर बिना विचार विमर्श और राय के लिए एकतरफा निर्णय लेने का आरोप बिना विचार विमर्श और राय के लिए एकतरफा निर्णय लेने का आरोप लगा चुके है।
आप सांसद और जेपीसी सदस्य संजय सिंह ने कहा जब तक पूरी रिपोर्ट तैयार ना हो जाए, सभी पक्षों की बात नहीं सुनी जाती और जेपीसी का दौरा पूरा नहीं हो जाता, मुझे लगता है कि उससे पहले मसौदा रिपोर्ट पेश करना गलत है। स्पीकर ने हमें आश्वासन दिया था कि वह जेपीसी का समय बढ़ा देंगे। इन सब बातों को दरकिनार करते हुए आप कह रहे हैं कि मसौदा रिपोर्ट पेश करने के लिए तैयार है। आपने दिल्ली सरकार, जम्मू-कश्मीर सरकार, पंजाब सरकार, यूपी सरकार की बात नहीं सुनी।
आपको बता दें वक्फ संशोधन विधेयक बनी जॉइंट पार्लियामेंट कमेटी की आज बूधवार 27 नवंबर को दिल्ली में 8 वीं बैठक हुई। विपक्षी दलों के सांसदों ने जेपीसी की इस मीटिंग को बहिष्कार कर दिया। विपक्षी दल के सांसद सदन में रिपोर्ट पेश करने की तारीख बढ़ाने की मांग की। विपक्षी सांसदों का कहना है कि जब तक दौरा, बातचीत और रिपोर्ट पूरी नहीं जाती तब रिपोर्ट पेश करना गलत है।