मोदी सरनेम मामले में सजा पर रोक के लिए राहुल गांधी ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को दी चुनौती
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरनेम मामले में सजा पर रोक के लिए राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। कांग्रेस नेता मोदी सरनेम मामले में आए गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने देश की सबसे बड़ी अदालत से सजा और दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की है। बता दें कि हाल ही में गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट का कहना था कि इस मामले में ट्रायल कोर्ट का दिया आदेश सही है और इसमें हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने कहा था कि हम अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट में राहुल की याचिका पर सुनवाई कब होगी इसकी तारीख अभी सामने नहीं आई है। अगर राहुल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल जाती है तो उनकी सांसदी बहाल हो जाएगी और वे 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगे। और अगर ऐसा नहीं होता है तो वे 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। वहीं राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की शिकायत करने वाले भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने कोर्ट से मोदी सरनेम मामले में राहुल के साथ-साथ उनका पक्ष भी सुनने की अपील की थी।
क्या है मामला?
13 अप्रैल 2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में आयोजित चुनावी रैली में कहा था, ''नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का का सरनेम कॉमन क्यों है?'' सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था। अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली के दौरान अपने भाषण में पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के मामले में सूरत की निचली अदालत ने इसी साल 23 मार्च को फैसला सुनाया था। अपने फैसले में कोर्ट ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद जनप्रतिनिधि कानून के अंतर्गत उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
निचली अदालत के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी सूरत सेशंस कोर्ट गए। जहां कोर्ट ने राहुल की याचिका खारिज करते हुए कहा, एक सांसद और देश की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के पूर्व प्रमुख होने के नाते राहुल गांधी को अधिक सावधान रहना चाहिए था।इसके बाद राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने कोर्ट में निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने की मांग की। यहां भी राहुल को निराशा हाथ लगी और हाईकोर्ट ने उनको निचली अदालत से मिली 2 साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए निचली अदालत की फैसले को सही माना।