महाराष्ट्र में विभागों का बंटवारा: सीएम पद न सही, शिवसेना शिंदे गुट को मिल सकते हैं ये अहम विभाग, डिप्टी सीएम के पद पर भी होगी नजर?
- विभागों के बंटवारे पर चर्चा तेज
- राज्य के होंगे 2 डिप्टी सीएम!
- शिवसेना के खाते में आ सकते हैं ये विभाग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री फेस को लेकर अब तक तस्वीर साफ नहीं हुई है। गुरुवार (28 नवंबर) को दिल्ली में महायुति की बैठक है जिसके बाद हो सकता है सीएम को लेकर सस्पेंस खत्म हो जाए। इस कड़ी में राजनीतिक गलियारों में इस चीज को लेकर चर्चा तेज है कि शिवसेना प्रमुख और कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे को तीन बड़े मंत्रालय सौंपे जा सकते हैं। साथ ही, यह भी अटकले हैं कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आधे से भी अधिक विभाग अपने तक रख सकती है। हालांकि, अभी आधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने से बचा जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार में ज्यादा से ज्यादा 43 मंत्रालय हो सकते हैं।
किसको क्या मिलेगा?
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के खाते में तीन बड़े और 12 कैबिनेट सीटें आ सकती हैं। दूसरी ओर, अजित पवार वाली एनसीपी को बीजेपी 9 कैबिनेट सीटें दे सकती है। आपको बता दें कि, यह जानकारी एनडीटीवी की रिपोर्ट में सूत्रों के द्वारा दी गई है। फिलहाल इससे जुड़ा कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।
शिंदे के खाते में क्या?
जानकारी के मुताबिक, शिवसेना को लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन और शहरी विकास विभाग मिलने की संभावना है। इसी के साथ यह भी संभावना जताई जा रही है कि इस बार भी राज्य में 2 उपमुख्यमंत्री वाला फॉर्मूला बरकरार रहेगा। जिसमें से एक डिप्टी सीएम शिवसेना और दूसरे एनसीपी से होंगे।
कब होगा शपथ ग्रहण?
सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी के प्रमुख अजित पवार ने अपने नेताओं से कहा है कि इस हफ्ते सीएम पद की शपथ हो सकती है।
फडणवीस बन सकते हैं सीएम
महाराष्ट्र सीएम के लिए एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की दावेदारी सबसे ज्यादा मजबूत नजर आ रही थी। लेकिन बुधवार (27 नवंबर) को एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुछ संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा जिस भी नतीजे पर पहुंचेगी, शिवसेना उसके साथ खड़ी रहेगी। ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस बार महाराष्ट्र की कमान शिंदे नहीं बल्कि भाजपा नेता के हाथों में होगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिंदे ने कहा था कि- पीएम मोदी ने कल मुझे फोन किया था। मैंने उनसे कहा कि नई सरकार बनाने में मेरी तरफ से कोई दिक्कत नहीं खड़ी होगी। मेरे मन में सीएम पद की लालसा नहीं है। आप अपना निर्णय देखिए। महायुति और एनडीए के प्रमुख मिलकर जो निर्णय लेंगे वो मुझे मान्य होगा। मैंने नरेंद्र मोदी जी से कहा कि मेरे बारे में विचार ना करते हुए महाराष्ट्र की जनता और राज्य का विचार करें। मैंने अमित शाह से भी यही बात कही है कि मेरी तरफ से कोई समस्या नहीं आएगी। आपका निर्णय अंतिम होगा।
'मैं रोने वालों में से नहीं'
शिंदे ने कहा था- हमें राज्य के लिए काम करना है, यह बड़ी जीत है। हम सभी ने जी जान लगा दी। हम लोगों के बीच गए, लोगों तक अपने काम पहुंचाए और सबने मन लगाकर काम किया। मैं रोने वालों में से नहीं हूं बल्कि लड़ने वालों में से हूं, काम करने वालों में से हूं।