ऑनलाइन रहने के कारण बच्चों पर पड़ रहा है गैजेट्स का बुरा प्रभाव
गैजेट्स का बच्चों पर प्रभाव ऑनलाइन रहने के कारण बच्चों पर पड़ रहा है गैजेट्स का बुरा प्रभाव
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। आज के समय में फोन, लैपटॉप,आईपैड आदि हमारे जीवन का हिस्सा बन चुके है।पिछले दो साल से कोरोना के चलते तो यह हमारे जीवन में ऐसा घर कर गया है कि इसे निकालना मुश्किल है।लेकिन इसके कई गलत प्रभाव बच्चों पर पड़ रहे है।
आज के समय बच्चे यू ट्यूब पर विडियोज देख रहे है कार्टून के तो उस समय कार्टून के कैरेक्टर्स द्वारा कुछ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, जो बच्चो के लिए सही नहीं होता है और बच्चे उन शब्दों को कहीं बोल देते हैं, जिससे मां बाप को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता हैं। साथ ही आजकल बच्चे बहुत सारे गेम के विडियोज भी देखते है, उसमे भी वल्गर शब्द बोले जाते है। कुछ लोगों ने ये भी बताया है उनके बच्चे जब वीडियो देखते हैं उसमे कार्टून कैरेक्टर के ही वल्गर वीडियो आने लगते है।
ऐसी स्थिति में बच्चो पर इसका गलत प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है।
लेकिन इस स्थिति से घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि धैर्य से इससे निपटने की आवश्यकता है।
सबसे पहले तो बच्चो को समझाए की जब वे कहीं भी कोई नए शब्द सुनते हैं तो उसके अर्थ मां, पापा, भाई, बहन, दादा, दादी से पूछे, बड़े भी उन्हें बताए कि यह शब्द उन्हें कब, कहां बोलना है। साथ ही उन्हें यह भी बताए कि जब वे कोई वीडियो देख रहे है और बीच मे ऐसा विडियो आ जाता है जो उनके लिए सही नहीं है तो वे घबराए नहीं, बल्कि मां पापा को बताए कि उनके वीडियो में ऐसा वीडियो आ रहा है, बच्चे सामान्यता ऐसी बताते नहीं है लेकिन आपको ध्यान रखना है कि बच्चे क्या देख रहे है।
उन्हें बताए की ऐसे वीडियो की एक उम्र होती है, उन्हें समझाए कि यह विडियो उन्हें कभी भी गलत राह पर ले जा सकते हैं। ना कि उन्हें मारे पीटे,बच्चो मे कुछ जानने की इच्छा ज्यादा रहती है, अगर आप उनसे मार पीट करेंगे तो वो छिप कर गंदे विडियो देखेंगे।
अध्ययनों से पता चलता है कि बच्चो के द्वारा किए जाने वाले अपराध का कारण इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया का प्रभाव है। इसलिए हम सबको अपने बच्चों को जागरूक करने की आवश्यकता है साथ ही हमे भी अपने बच्चों के लिए जागरूक होने की आवश्यकता है।
लेखक: रश्मि वर्मा