हेल्थ टिप्स: मैग्नीशियम की कमी से हो सकती हैं ये परेशानियां, जानें इसके बचाव, कारण और परेशानियों के बारे में..
- मैग्नीशियम की कमी से हो सकती हैं कई परेशानियां
- जानें मैग्निशियम की कमी के बचाव, कारण और परेशानियों के बारे में
- इन परेशानियों से मिलेगी छुट्टी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जिस तरह एक मशीन को चलने के लिए ईंधन की जरूरत होती है, उसी तरह हमारे शरीर को भी पूरे दिन चलने के लिए ईंधन की जरूरत होती है। ये ईंधन हम रोजाना भोजन के रूप में लेते हैं जिसमें अच्छी मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, मिनीरल, फाइबर और पानी की अच्छी खुराक होती है। इससे हमारा शरीर पूरे दिन एनर्जेटिक और स्वस्थ रहता है। इन्हीं तत्वों में से एक है मैग्नीशियम, जो काफी महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट्स में से एक है। आपको बता दें, हमारे शरीर में हर दिन कई रिएक्शन्स होते हैं, जिनमें से 300 बायोकेमिकल रिएक्शन के लिए मैग्नीशियम की जरूरत होती है। साथ ही ये मिनरल फ्लूइड में मिलकर इलेक्ट्रिक चार्ज पैदा करता है जिससे पाचन क्रिया शरू हो जाती है। वहीं ये कैल्शियम, कॉपर, जिंक, पोटेशियम, और विटामिन डी जैसे न्यूट्रिएंट्स के लेवल को भी कंट्रोल करता है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारे शरीर में मैग्नीशियम की कितनी जरूरत है। साथ ही हमारे शरीर में इसकी कमी होने पर कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। जिसकी सबसे ज्यादा शिकार महिलाएं होती हैं। आइए जानते हैं मैग्नीशियम हमारे लिए क्यों जरूरी है-
पीसीओएस
मैग्नीशियम की कमी से PCOS से पीड़ित महिलाओं को हाइपरएंड्रोजेनिज्म, हिर्सुटिज्म और नींद की समस्यांए हो सकती हैं। ये समस्या अक्सर हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है। जिससे बचने के लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह से मैग्नीशियम के सप्लीमेंट ले सकती हैं।
प्रेगनेंसी में जरूरी
प्रेगनेंट महिलाओं में मैग्नीशियम की कमी बढ़ जाती है। क्योंकि कोख में पल रहे बच्चे के विकास के लिए मैग्नीशियम बहुत आवश्यक होता है। यह प्रीमैच्योर डिलीवरी या प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशन के खतरे को भी घटाता है। साथ ही जेस्टेशनल डायबिटीज से भी बचाता है।
पीरियड्स में असरदार
मैग्नीशियम हार्मोन को बैलेंस करने में असरदार होता है। इससे पीरियड्स में होने वाले मूड स्विंग्स, सूजन और दर्द से राहत मिलती है। साथ ही, PMS(प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम) से पीड़ित महिलाओं के लिए भी मददगार साबित होता है।
मेनोपॉज के साइड इफेक्ट से राहत
मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हार्ट डिजीज से होने वाले खतरे बढ़ जाते हैं। ऐसे में मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में असरदार साबित होता है और हार्ट बीट को स्टेबल रखने में मदद करता है। वहीं इसके सप्लीमेंट्स लेने से महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम से भी बचने में मदद मिलती है।
कैसे पहचानें मैग्नीशियम की कमी?
इसकी कमी होने से शरीर में ऐंठन, थकान और चिंता जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। वहीं समस्या गंभीर होने पर नर्वस सिस्टम से संबंधित लक्षण दिखने लगते हैं। साथ ही, दिल की धड़कन कभी-कभी बढ़ने लगती है तो कभी कम होना लगती है।
मैग्नीशियम की कमी का कारण क्या हो सकता है?
एक खराब लाइफस्टाइल मैग्नीशियम की कमी का एक बड़ा कारण होता है। जिसमें खास तौर पर प्रोसेस्ड फूड्स इसका मुख्य कारण हैं। वहीं इससे हमारे शरीर में स्ट्रेस के साथ हार्मोनल कंडीशन जैसे पीरियड्स, प्रेगनेंसी और मेनोपॉज में दिक्कत आ सकती है।
मैग्नीशियम की कमी कैसे पूरी करें
इसकी कमी को पूरा करने के लिए आप हेल्दी डाईट लेना शूरू करें। जिससे आपके शरीर को भरपूर नयुट्रिशन मिले और दिनभर एक्टिव रहें। आप हरी पत्तेदार सब्जी, मेवे , डार्क चॉकलेट, एवोकाडो, साबुत गेहूं, टोफू जैसे फूड्स का सेवन कर सकते हैं। क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम मौजूद होता है। इसके सेवन से आप मैग्नीशियम के कमी से होने वाली परेशानियों से बच सकते हैं।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (डॉक्टर/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।