हमें निर्णायक कार्रवाई करनी थी : यूके पीएम
प्रधानमंत्री लिज ट्रस हमें निर्णायक कार्रवाई करनी थी : यूके पीएम
- विकास रातों-रात नहीं आएगा
डिजिटल डेस्क, लंदन। यूके की प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने पिछले हफ्ते पेश किए गए मिनी बजट का बचाव किया है, यह कहते हुए कि इस तरह का कदम उठाना जरूरी था। सितंबर 23 को चांसलर क्वासी क्वार्तेग द्वारा की गई घोषणा के बाद पहली प्रतिक्रिया में ट्रस ने कहा, हमें निर्णायक कार्रवाई करनी थी। बीबीसी की रिपोर्ट में ये बात कही गई है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार लोगों को ऊर्जा पर ज्यादा खर्च करने से बचाने के लिए काम कर रही है और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए विवादास्पद और कठिन निर्णय लेने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि विकास रातों-रात नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि मिनी-बजट यूके को लंबे समय के लिए बेहतर आधार देगा। ट्रस ने इस बात से इनकार किया कि टैक्स में कटौती से केवल अमीरों को फायदा हो रहा है, उन्होंने कहा कि यह सच नहीं है और जोर देकर कहा कि वो सही योजना पर काम कर रही है। घोषणाओं के बाद पेंशन फंड पर चिंताओं के जवाब में, ट्रस ने कहा कि बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) पेंशन के लिए बहुत अच्छा काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके ऊर्जा पैकेज से मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे बाद में खाद्य कीमतों में भी कमी आएगी। फ्रैकिंग पर चर्चा करते हुए, ट्रस ने कहा कि उनकी सरकार केवल उन क्षेत्रों में आगे बढ़ेगी जहां स्थानीय समुदाय का समर्थन है, बीबीसी ने बताया। क्वार्टेग द्वारा की गई घोषणाओं में निगम कर में नियोजित वृद्धि को 25 प्रतिशत तक रद्द करना और इसे 19 प्रतिशत पर रखना, और इस अप्रैल में राष्ट्रीय बीमा योगदान में 1.25 प्रतिशत की वृद्धि को उलट देना शामिल है।
उन्होंने योजना से एक साल पहले अप्रैल 2023 में आयकर की मूल दर में 1 प्रतिशत की कटौती कर 19 प्रतिशत करने की भी घोषणा की। 150,000 ब्रिटिश पाउंड से अधिक आय पर आयकर की 45 प्रतिशत अतिरिक्त दर को भी समाप्त कर दिया जाएगा। क्वार्टेग ने इन योजनाओं के साथ-साथ 2.5 प्रतिशत आर्थिक विकास का लक्ष्य रखा है।
चांसलर के अनुसार, कर कटौती और सुधार, पीढ़ियों में सबसे बड़ा पैकेज, एक स्पष्ट संकेत भेजता है कि विकास हमारी प्राथमिकता है। 45 अरब पाउंड की कर कटौती 1972 के बाद सबसे बड़ी कटौती है। घोषणा के बाद, डॉलर के मुकाबले पाउंड 3 प्रतिशत से अधिक गिरकर 37 साल के निचले स्तर पर आ गया। निवेशकों को चिंता है कि बड़े पैमाने पर कर कटौती से सरकार को पैसे उधार लेने होंगे, जिससे वित्तीय अनिश्चितता आएगी और पहले से ही उच्च मुद्रास्फीति को बढ़ावा मिलेगा।
(आईएएनएस)
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