कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद के लिए एक घंटा लाइट बंद कीजिए

चीन कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद के लिए एक घंटा लाइट बंद कीजिए

Bhaskar Hindi
Update: 2022-06-19 15:30 GMT
कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद के लिए एक घंटा लाइट बंद कीजिए
हाईलाइट
  • ऊर्जा-बचत करने वाली जीवनशैली

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। एशिया का लाइट्स आउट डे (21 जून को) यानी बिजली बंद रखने का दिन उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म संक्रांति पर पड़ता है, यानी हर वर्ष के सबसे लंबे समय तक धूप वाला दिन होता है। यह गतिविधि साल 2008 में शुरू हुई और पर्यावरण और ऊर्जा के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित के लिए एशिया में सभी शहर एक घंटे (रात को 9 से 10 बजे तक) के लिए लाइट बंद करने का प्रचार करें।

साथ ही, सभी लोगों को पर्यावरण के अनुकूल, स्वस्थ, ऊर्जा-बचत करने वाली जीवनशैली चुनने के लिए प्रोत्साहित करता है, ताकि पृथ्वी में योगदान दिया जा सके।

वर्तमान में, अत्यधिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के कारण होने वाले वायुमंडलीय परिवर्तनों ने पृथ्वी पर मनुष्यों के अस्तित्व को बहुत खतरे में डाल दिया है। पृथ्वी का पारिस्थितिकी तंत्र नवीकरण दर की तुलना में मनुष्य द्वारा उपयोग किए गए प्राकृतिक संसाधनों की दर अधिक तेज है। वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र पर बोझ बहुत भारी है और केवल कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के बारे में जनता के दृष्टिकोण को बदलने से ही दुनिया पर इस स्थिति के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

लाइट बंद करने के माध्यम से, लोगों को पृथ्वी की रक्षा की जिम्मेदारी लेने और जलवायु परिवर्तन जैसे पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया जाता है। समाज के विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण आज के युग में एक स्थायी प्रस्ताव बन गया है। चीन ने ऐसा लक्ष्य सामने रखा है, जो वर्ष 2030 में उसके यहां कार्बन उत्सर्जन चरम पर होगा और फिर नीचे आएगा, वह कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने (कार्बन न्यूट्रालिटी) के लक्ष्य को साल 2060 तक प्राप्त करेगा।

लाइट बंद करने के अलावा, हम दैनिक जीवन में कम कार्बन वाला जीवन कैसे अपना सकते हैं? पहला, जीने की आदतें हैं, जैसे बिजली की बचत, निजी कार यात्रा को कम करना आदि। दूसरा, खपत में कमी आती है, जैसे कपड़े। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वस्त्र उद्योग का कुल कार्बन उत्सर्जन सभी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों और समुद्री शिपिंग से अधिक है, जो वैश्विक कार्बन उत्सर्जन का 10 प्रतिशत है और इसे तेल उद्योग के बाद दूसरा सबसे अधिक प्रदूषणकारी उद्योग है। इस के अलावा, कपड़ों की पुनर्चक्रण दर अब बहुत कम है, उनमें से ज्यादातर कचरे के ढेर में चले जाते हैं, और कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन भस्मीकरण के बाद होता है। इसलिए कम कपड़े खरीदकर उत्सर्जन कम करने में योगदान बहुत बड़ा है।

कुल मिलाकर, जब पर्यावरण के प्रति जागरूकता लोगों के दिलों में गहराई से निहित होती है, विचार कार्य बन जाते हैं, और कार्य आदत बन जाते हैं, तो इनका वैश्विक पर्यावरण संरक्षण में योगदान असीमित होगा।

सोर्स- आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Tags:    

Similar News