ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2024: बैठक के दूसरे दिन PM मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ कही ये बात, पीपुल सेंट्रिक एप्रोच पर फोकस अपनाने पर दिया जोर

  • रूस की मेजबानी में आयोजित हो रही ब्रिक्स समिट 2024
  • पीएम मोदी ने ब्रिक्स के सदस्यों को किया संबोधित
  • बैठक में आतंकवाद पर जमकर बोला हमला

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-23 11:44 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस के कजान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का बुधवार को दूसरे दिन था। इस दो दिवसीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय देशों के सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, भारत युद्ध के अलावा कूटनीति और संवाद की नीति का भी समर्थक है। इसके अलावा उन्होंने चीन और रूस समेत कई बड़े देशों के राष्ट्रपतियों के समक्ष आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा की। पीएम मोदी ने कहा कि आंतकवाद के मुद्दे पर लोगों का दोहरा रवैया नहीं चलेगा।

चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा, "हमारी बैठक एक ऐसे समय में हो रही है जब विश्व युद्धों, संघर्षों, आर्थिक अनिश्चितता, क्लाइमेट चेंज, आतंकवाद जैसी अनेक चुनौतियों से घिरा हुआ है। विश्व में नॉर्थ-साउथ और पूर्व-पश्चिम डिवाइड की बात हो रही है। महंगाई की रोकथाम, फ़ूड सिक्योरिटी, एनर्जी सिक्योरिटी, हेल्थ सिक्योरिटी, वाटर सिक्योरिटी, सभी देशों के लिए प्राथमिकता के विषय हैं और टेक्नोलॉजी के युग में साइबर सिक्योरिटी, डीप फेक, डिसइन्फॉर्मेशन जैसी नई चुनौतियां बन गई हैं. ऐसे में, ब्रिक्स को लेकर बहुत अपेक्षाएं हैं।"

पीएम मोदी ने आंतकवाद पर किया तीखा प्रहार

पीएम मोदी ने कहा, "आतंकवाद और टेरर फाइनेंनसिंग से निपटने के लिए हम सभी को एक मत हो कर दृढ़ता से सहयोग देना होगा। ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं है। हमारे देशों के युवाओं में कट्टरता को रोकने के लिए हमें सक्रिय रूप से कदम उठाने चाहिए. यूएन में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक अभिसमय के लंबित मुद्दे पर हमें मिलकर काम करना होगा।"

इसके बाद उन्होंने कहा, "आतंकवाद और टेरर फाइनेंनसिंग से निपटने के लिए हम सभी को एक मत हो कर दृढ़ता से सहयोग देना होगा। ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं है। हमारे देशों के युवाओं में कट्टरता को रोकने के लिए हमें सक्रिय रूप से कदम उठाने चाहिए। यूएन में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक अभिसमय के लंबित मुद्दे पर हमें मिलकर काम करना होगा।"

भारत को बताया डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थक

पीएम मोदी ने आगे कहा, "मेरा मानना है कि एक डायवर्स और इंक्लूसिव प्लेटफॉर्म के रूप में, ब्रिक्स सभी विषयों पर सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है। इस संदर्भ में हमारी एप्रोच पीपुल सेंट्रिक रहनी चाहिए। हमें विश्व को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं, जनहितकारी समूह है।"

उन्होंने आगे कहा, "ब्रिक्स ऐसा संगठन है, जो समय के अनुसार खुद को बदलने की इच्छा-शक्ति रखता है। हमें अपना उदाहरण पूरे विश्व के सामने रखते हुए वैश्विक संस्थाओं में सुधार के लिए एकमत होकर आवाज़ उठानी चाहिए। हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, बहुपक्षीय विकास बैंक्स, WTO जैसे वैश्विक संस्थानों में रिफॉर्म्स के लिए समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए। ब्रिक्स के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हमें ध्यान रखना चाहिए कि इस संगठन की छवि ऐसी न बने कि हम ग्लोबल संस्थाओं में रिफॉर्म नहीं, बल्कि उन्हें रिप्लेस करना चाहते हैं।"

बैठक के दौरान पीएम मोदी ने दुनिया के लिए भारत का रुख को साफ करते हुए कहा, "हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं और जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को परास्त किया, उसी तरह हम भावी पीढ़ी के सुरक्षित, सशक्त और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं।"

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