सीपीईसी को पटरी से उतारने के लिए एक खाड़ी देश ने इमरान खान को दी मोटी रकम
पाकिस्तान सीपीईसी को पटरी से उतारने के लिए एक खाड़ी देश ने इमरान खान को दी मोटी रकम
- ग्वादर में बंदरगाह बनाने की योजना
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को एक खाड़ी देश से पैसा मिला था, ताकि वह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को पटरी से उतार दें और ग्वादर में बंदरगाह बनाने की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दें।
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने यह सनसनीखेज दावा किया है। इससे पहले चीन ने भी इमरान खान के राज में सीपीईसी की परियोजनाओं में देरी का गंभीर आरोप लगाया था।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जेयूआई-एफ प्रमुख ने उत्तरी वजीरिस्तान जिले के आदिवासी बुजुर्गो के एक जिरगा कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मीडिया से दावा किया कि पीटीआई ने देश के नए आर्थिक स्तंभों (पिलर्स) को नष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि इसमें एक चीन का सीपीईसी भी था, जो महज एक सड़क नहीं, बल्कि पूरा आर्थिक पैकेज है।
उन्होंने आगे कहा, ग्वादर एशिया में दूसरा सबसे गहरा समुद्री बंदरगाह है। कुछ देशों को ग्वादर बंदरगाह से खतरा महसूस हो रहा है। यह व्यापार के लिए सबसे प्रभावी बंदरगाह होगा। इमरान खान ने इस प्रॉजेक्ट को बहुत गंभीर नुकसान पहुंचाया।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि फाइनेंशियल टाइम्स के खुलासे ने पीटीआई के वास्तविक चेहरे को उजागर कर दिया।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस पैसे को अबराज ग्रुप को दिया गया, जिसमें खाड़ी के एक देश का बहुत बड़ा हिस्सा था। यह देश ग्वादर बंदरगाह को फेल करना चाहता है। मौलाना ने दावा करते हुए कहा, अब हम देखते हैं कि समुद्र की गहराई अब केवल 11 फुट रह गई है।
उन्होंने कहा कि पीडीएम सरकार ने सत्ता में आने के बाद खराब आर्थिक हालत की चुनौती को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि सरकार मंगलवार और बुधवार को देश की आर्थिक स्थिति के बारे में पीडीएम को विस्तृत जानकारी देगी और इसके लिए मंत्रियों को बैठक में बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि उसके बाद आर्थिक स्थिरता के लिए एक रणनीति तैयार की जाएगी।
आईएएनएस
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