वित्त विशेषज्ञों की मनाही के बावजूद अपने फैसलों पर अड़ी रहीं लिज ट्रस, वही फैसले बने कुर्सी के दुश्मन, सबसे कम दिन की पीएम रहीं ट्रस
अपने ही फैसलों से गंवाई कुर्सी वित्त विशेषज्ञों की मनाही के बावजूद अपने फैसलों पर अड़ी रहीं लिज ट्रस, वही फैसले बने कुर्सी के दुश्मन, सबसे कम दिन की पीएम रहीं ट्रस
- लिज ब्रिटेन के इतिहास में सबसे कम कार्यकाल वाली पीएम बनी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रिटेन में सियासी संकट के चलते प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। वह केवल 44 दिनों तक पीएम के पद पर रहीं। उन्होंने अपना इस्तीफा देने की घोषणा के साथ कहा कि "जब तक नए पीएम का चुनाव नहीं हो जाता तब तक वह पद पर बनी रहेंगी।" लिज से पहले गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन और वित्त मंत्री क्वासी कवार्टेंग ने भी इस्तीफा दे दिया था। इन दोनों के इस्तीफे के बाद पार्टी के वरिष्ठ सांसदों ने लिज के इस्तीफे की मांग भी की थी।
इसके साथ ही लिज ब्रिटेन के इतिहास में सबसे कम समय के लिए पीएम पद पर रहने वाली शख्सियत बन गईं। उनसे पहले टोरी पार्टी के जॉर्ज कैनिंग साल 1827 में 119 दिनों तक ब्रिटेन के पीएम पद पर रहे थे। वहीं लिज केवल 45 दिनों तक इस पद पर रहीं।
आइए जानते हैं आखिर क्या वो कारण रहे जिनके चलते लिज ट्रस इतने कम समय में ही अपना पद छोड़ने पर मजबूर हुईं।
अर्थव्यवस्था को सुधारने वाले वादे हुए फैल
जिस समय प्रधानमंत्री पद के लिए लिज ट्रस प्रचार कर रही थीं, उस दौरान उन्होंने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के जो वादे किए थे वह ही उनके पद गंवाने का कारण बने। उनकी वित्त मंत्री क्वासी कवार्टेंग ने ट्रस के वादों को लागू करने की कोशिश की। लेकिन उन फैसलों की वजह से उलटा असर पड़ने लगा। महंगाई पर काबू पाने की कोशिश में पूरी तरह असफल साबित हो रही ट्रस सरकार को लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। हालांकि क्वासी की जगह नए वित्त मंत्री बनाये गए जेरमी हंट ने कवार्टेंग के लिए सभी फैसलों को पलट दिया था लेकिन इसके बाद भी ट्रस सरकार पर दबाव कम नहीं हुआ। विपक्ष के अलावा उनकी पार्टी के सांसद तक उनका विरोध करने लगे।
वित्त मंत्री के फैसलों का पड़ा बाजार पर उल्टा असर
ट्रस कैबिनेट की वित्त मंत्री क्वार्टेंग के फैसलों बाजार में उल्टा असर पड़ा। उनके फैसलों से मॉर्गेज रेट में काफी बढ़ोत्तरी हुई। देसी मुद्रा में भारी गिरावट दर्ज होने लगी। हालात इतने बुरे हो गए कि देश के केन्द्रीय बैंक को ऋण बाजार में मजबूरन हस्तक्षेप करना पड़ा। कहा जाता है कि ट्रस सरकार को उनके इन फैसलों न लागू करने की सलाह अर्थव्यवस्था से जुड़े देश के कई विशेषज्ञों ने दी थी जिसे उनकी वित्त मंत्री ने नहीं माना। और तो और उन्होंने लघु बजट की घोषणा से पहले वित्त मंत्रालय के कई अधिकारियों को भी हटा दिया था।
इन फैसलों के बाद ट्रस का विरोध अपनी पार्टी में भी होने लगा। इसी विरोध के चलते ट्रस ने प्रधानमंत्री बनने के महज 45 दिन में ही अपना पद गंवा दिया।