एक बार फिर पीएम बनने की रेस में ऋषि सुनक सबसे आगे, लिज ट्रस पर पीएम पद छोड़ने का दबाव बड़ा!
ब्रिटेन में राजनीतिक भूचाल! एक बार फिर पीएम बनने की रेस में ऋषि सुनक सबसे आगे, लिज ट्रस पर पीएम पद छोड़ने का दबाव बड़ा!
- लिज ट्रस ने देश से मांगी थीं माफी
डिजिटल डेस्क, लंदन। ब्रिटेन में एक बार फिर राजनीतिक संकट देखने को मिल सकता है। भारतीय मूल के ऋषि सुनक दोबारा पीएम बनने की रेस में आगे हैं। गौरतलब है कि ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस हाल ही में विवादित मिनी बजट को लेकर देश से माफी मांगी थी लेकिन उनकी कंजर्वेटिव पार्टी के अंदर ही ज्यादातर सदस्य अब यह चाहते हैं कि लिज ट्रस इस्तीफा दें। जिससे अब लिज ट्रस के ऊपर पीएम पद से इस्तीफा देने का दबाव बढ़ता ही जा रहा है। माना जा रहा है कि ट्रस ने पीएम पद से इस्तीफा दिया तो सुनक के पीएम बनने के रास्ते साफ हो जाएंगे।
पीएम पद के ये हैं प्रबल दावेदार
कंजर्वेटिव पार्टी के 530 सदस्यों के You Gov सर्वे में पाया गया कि 55 फीसदी सदस्य पीएम लिज ट्रस के इस्तीफे के समर्थन में हैं। वहीं अब पीएम पद के लिए बोरिस जॉनसन के अलावा भारतीय मूल के ऋषि सुनक, जेरेमी हंट और पेनी मोर्डेंट भी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इन दिनों लिज ट्रस अपने ही पार्टी में विरोध का सामना कर रही हैं।
ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि ऋषि सुनक दोबारा पीएम पद के प्रबल दावेदार बन सकते हैं। अगर पार्टी के दबाव में आकर लिज ट्रस अपने पद से इस्तीफा देती हैं, तो सुनक फिर से पीएम उम्मीदवार बनकर मैदान में उतरेंगे। उधर यूके में सट्टेबाजों ने सत्ता के उलटफेर की स्थिति में सुनक के नाम को सबसे आगे दिखाया है।
ऋषि सुनक को लेकर चर्चा तेज
पार्टी के नेताओं का कहना है कि ऋषि सुनक पहले ही लिज ट्रस की टैक्स कटौती नीतियों को लेकर आगाह कर चुके थे। हालांकि, सरकार के टैक्स कटौती के फैसले के बाद सुनक ने चुप्ती साध ली। सुनक के एक करीबी ने द संडे टाइम्स के हवाले से कहा कि उनकी चुप्पी के अपने मायने है। ये बताता है कि टैक्स कटौती से रोके जाने का आगाह ऐसे ही नहीं किया गया था। सुनक हालात से परिचित थे और फिर से चर्चाएं तेज हो गई हैं कि यूके में फिर से सुनक की सरकार में वापसी हो।
लिज ट्रस का मिनी बजट बना मुसीबत
लिज ट्रस सरकार की ओर से हाल ही में ब्रिटेन की संसद में बजट पेश किया गया था। इस बजट में उन्होंने टैक्स बढ़ोत्तरी व महंगाई पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए थे। हालांकि, जल्द ही इन फैसलों को सरकार ने वापस ले लिया था। बताया जा रहा है कि लिज ट्रस जब पीएम पद संभाली थी, तो जनता महंगाई की भीषण मार झेल रही थी। जनता को उम्मीद भी थी कि ट्रस महंगाई पर काबू पाएंगी।
चुनाव में ट्रस जनता को खूब लोकलुभावन वादे किए थे। उन्हें चुनावी वादें ने सत्ता की गद्दी दिलाने में काफी भूमिका निभाई थी। जिनमें उन्होंने जनता से टैक्स कटौती का वादा किया था। हालांकि ट्रस सत्ता में आने के बाद टैक्स में कटौती तो की लेकिन फिर वादे से मुकर गई। उन्होंने कॉरपोरेट टैक्स घटाने के फैसेल को वापस ले लिया। उनके इस फैसले के बाद पार्टी के अंदर बगावती सुर शुरू हो चुके हैं।