रूस से तेल आयात कर सकता है पाकिस्तान, समझिए क्या है शर्त

पाकिस्तान रूस से तेल आयात कर सकता है पाकिस्तान, समझिए क्या है शर्त

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-18 19:00 GMT
रूस से तेल आयात कर सकता है पाकिस्तान, समझिए क्या है शर्त
हाईलाइट
  • इमरान और उनके समर्थकों ने अमेरिका की कठपुतली कहा

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल ही में हुई बैठक के बाद रविवार को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने खुलासा किया कि पाकिस्तान विलंबित भुगतान पर रूस से तेल आयात कर सकता है क्योंकि दोनों देश इस संभावना पर चर्चा करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ कम से कम तीन बैठकें कीं। इस मुद्दे की संवेदनशीलता के कारण नाम न छापने का अनुरोध करने वाले अधिकारी ने कहा, एक औपचारिक थी और बाकी अनौपचारिक।

रिपोर्ट में कहा गया है, रूसी पक्ष के साथ हालिया बातचीत के दौरान हमने जो चर्चा की है, वह विलंबित भुगतान पर तेल आयात करने की संभावना है। अधिकारी ने कहा कि रूस ने प्रस्ताव पर विचार करने की इच्छा दिखाई है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, यदि प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाया जाता है तो यह एक ऐतिहासिक विकास होगा, क्योंकि पाकिस्तान खाड़ी देशों से तेल का आयात करता है और अतीत में सऊदी अरब और यूएई ने भुगतान पर पाकिस्तान को तेल की आपूर्ति की थी।

यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार संयुक्त राज्य अमेरिका के संभावित विरोध को देखते हुए विकल्प का अनुसरण कर सकती है या नहीं। विदेश कार्यालय के एक सूत्र ने खुलासा किया कि अमेरिका ने कभी भी पाकिस्तान को रूस से तेल आयात नहीं करने के लिए स्पष्ट रूप से नहीं कहा है, लेकिन हमें सलाह दी है कि अगर हम रूस के साथ इस तरह के उद्यम में प्रवेश नहीं करते हैं तो बेहतर है।

पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने बार-बार अमेरिका पर अप्रैल में उनको हटाने के पीछे होने का आरोप लगाया है। इमरान ने कहा कि उन्हें स्वतंत्र विदेश नीति का पालन करने के लिए विशेष रूप से रूस के साथ संबंधों को गहरा करने के प्रयासों के लिए दंडित किया गया था। अमेरिका ने हमेशा पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल देने से इनकार किया है। पर्यवेक्षकों के अनुसार, शहबाज और पुतिन के बीच हालिया बैठक ने इस तरह के षड्यंत्र के सिद्धांतों को दूर कर दिया।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, शहबाज और पुतिन के बीच बैठक के बाद रूस की ओर से जारी किए गए प्रतिलेख में कोई संकेत नहीं है कि मॉस्को नई सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार नहीं है, जिसे अक्सर इमरान और उनके समर्थकों द्वारा अमेरिका की कठपुतली कहा जाता है।

 

आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Tags:    

Similar News