पाकिस्तान में कृषि योग्य भूमि अभी भी जलमग्न, गहराया खाद्य संकट

बाढ़ का असर पाकिस्तान में कृषि योग्य भूमि अभी भी जलमग्न, गहराया खाद्य संकट

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-22 14:00 GMT
पाकिस्तान में कृषि योग्य भूमि अभी भी जलमग्न, गहराया खाद्य संकट
हाईलाइट
  • खाद्य पदार्थों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ का असर अब भी जारी है क्योंकि बड़े पैमाने पर जमीन अब भी पानी में डूबी हुई है। इससे बलूचिस्तान समेत कई जगहों पर सर्दियों की फसलों की बुआई पर असर पड़ा है।

दक्षिण एशिया से जुड़े एक विश्लेषक ने कहा- देश के कई हिस्से पानी में डूबे हुए हैं, जहां पानी की समस्या नहीं है वहां समस्या यह है कि किसान बेघर हैं और अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं..ऐसी स्थिती में, उनके पास खेती करने के लिए बहुत कम संसाधन हैं।

पिछले महीने तक, सिंध में 4,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि जलमग्न थी। बलूचिस्तान में भी लोग परेशान हैं। कुछ दिन पहले ही प्रांत में रेल संपर्क बहाल किया गया है। बाढ़ ने पाकिस्तान में भोजन की लागत को और बढ़ा दिया है। अक्टूबर में, देश में भोजन की लागत पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 36.24 प्रतिशत बढ़ी। जून के बाद से खाद्य पदार्थों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। विश्लेषक ने कहा, बाढ़ और भयानक प्रभाव ने चीजों को और भी बदतर बना दिया है..देश पहले से ही उच्च खाद्य और ईंधन की कीमतों से जूझ रहा था।

वाशिंगटन स्थित विदेश नीति पत्रिका ने कहा कि कृषि में और नुकसान को रोकने के लिए, पाकिस्तान अपनी मुख्य गेहूं की फसल की कटाई पर भरोसा कर रहा है, जिसे सर्दियों में लगाया जाता है और शुरूआती गर्मियों में काटा जाता है। हालांकि विश्लेषक ने कहा कि, जलमग्न भूमि में खेती करना आसान नहीं रहने वाला है।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार जलवायु परिवर्तनशीलता और भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों ने खाद्य सुरक्षा से संबंधित चिंताओं को बढ़ा दिया है। एफएओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा, चिंता की बात यह है कि कई आर्थिक रूप से कमजोर देश कम भोजन प्राप्त करने के लिए अधिक भुगतान कर रहे हैं।

यूनिसेफ ने बताया कि पाकिस्तान में 3.4 मिलियन से अधिक बच्चे पहले से ही भूख का सामना कर रहे हैं। बाढ़ आने के बाद से, भूखे रहने वाले लोगों की संख्या में 45 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है, जो बाढ़ से पहले 5.96 मिलियन से बढ़कर 8.62 मिलियन हो गई है, जो अब खाद्य असुरक्षा के आपातकालीन स्तर का सामना कर रही है।

इस बीच, विभिन्न सरकारी मंत्रालयों के बीच असंतोष समग्र समस्या को बढ़ा रहा है। जबकि पाकिस्तान का खाद्य मंत्रालय चीनी के निर्यात का विरोध करता है, वित्त मंत्रालय इसके आउटबाउंड शिपमेंट के पक्ष में है। पाकिस्तान टुडे ने बताया- पाकिस्तान में खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्री तारिक बशीर चीमा ने कहा है कि सिंध में 40 प्रतिशत गन्ने की फसल नष्ट हो गई है, लेकिन चीनी निर्यातकों ने धमकी दी है कि जब तक 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति नहीं मिल जाती, पेराई सत्र शुरू नहीं किया जाएगा।

 

आईएएनएस

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