कोरोना के बाद दुनिया में इस नई बीमारी ने मचाया हड़कंप, ब्रिट्रेन में हाई अलर्ट

फिर बढे़ंगी लोगों की मुश्किलें! कोरोना के बाद दुनिया में इस नई बीमारी ने मचाया हड़कंप, ब्रिट्रेन में हाई अलर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-22 17:22 GMT
कोरोना के बाद दुनिया में इस नई बीमारी ने मचाया हड़कंप, ब्रिट्रेन में हाई अलर्ट
हाईलाइट
  • ब्रिटेन में मंकीपॉक्स वायरस का कम्यूनिटी स्प्रेड शुरू

डिजिटल डेस्क, लंदन। दुनियाभर में कोरोना वायरस के अब नई तरह की बीमारी ने चिंता बढ़ा दी है। इस बीमारी का नाम मंकीपॉक्स वायरस बताया जा रहा है। अब यह बीमारी धीरे-धीरे कम्यूनिटी स्प्रेड शुरू हो गया है। ब्रिटेन में हेल्थ एजेंसी के मुताबिक देश में मंकीपॉक्स वायरस फैलना शुरू हो गया है। जिसकी वजह से ब्रिटेन सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।

यूकेएचएसए के मुख्य चिकित्सा सलाहकार सुसान हॉपकिंस के मुताबिक हम पता लगा रहे है कि जिनका पश्चिम अफ्रीका के किसी व्यक्ति के साथ कोई संपर्क नहीं रहा है। उसके बावजूद भी मंकीपॉक्स वायरस की चपेट में आ गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बीमारी के पीड़ित लोगों के रोज के आंकड़ें इकट्ठे किए जा रहे हैं। हॉपकिंस ने बताया कि यह बीमारी ग्रामीण इलाकों की अपेक्षा शहरी इलाकों में ये बीमारी तेजी से फैल रही है।  

मंकीपॉक्स वायरस का अनदेखा न करें

सुसान हॉपकिंस ने कहा है कि मंकी पॉक्स बीमारी के प्रति लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अधिकांश वयस्कों में इस बीमारी के लक्षण हल्के हो सकते हैं। इसलिए इस गंभीर बीमारी के लक्षण को अनदेखा न करें और तुरंत उसकी सूचना नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दें। 

इस बीमारी को पहली बार देखा गया

गौरतलब है कि मंकीपॉक्स वायरस को सबसे पहले ब्रिटेन में बीते 7 मई को देखा गया था। इस बीमारी का लक्षण एक मरीज में सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था। वह मरीज नाइजीरिया की यात्रा से वापस आया था। बताया जा रहा है कि यह बीमारी यूरोप और उत्तरी अमेरिका में भी फैल रही है। जिसको लोगों में कोरोना की तरह इसको लेकर भी डर पैदा होने लगी है। 

जानें कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस

मंकीपॉक्स वायरस छुआछूत जैसी ही बीमारी है। इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति का बिस्तर या उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए तौलिए के दोबारा इस्तेमाल करने से फैलता है। इससे संक्रमित व्यक्ति को बुखार, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, थकावट, हाथों और चेहरे पर चेचक जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस बीमारी का कोई अलग से इलाज नहीं है। हालांकि चेचक के खिलाफ टीकाकरण मंकीपॉक्स को रोकने में करीब 85 फीसदी प्रभावी पाया गया है। 

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