सावन का पहला सोमवार आज, शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़
सावन का पहला सोमवार आज, शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़
- उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे लाखों श्रद्दालु
- शिवालयों में उमड़ी शिव भक्तों की भीड़
- सवान का पहला सोमवार आज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भगवान शिव के लिए विशेष माने गए सावन महीने का आज पहला सोमवार है। सावन महीने में महादेव की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। महादेव के दर्शन के लिए सुबह से शिवालयों में शिव भक्तों का तांता लगा है। सावन के महीने में सोमवार को भगवान शिव का व्रत किया जाता है, जिसका अपना महत्व बताया गया है। सावन का महीना भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इस दौरान 12 ज्योतिर्लिंगो का विशेष श्रंगार के साथ पूजन भी किया जाता है। देश के झारखंड राज्य में श्रावणी मेले का आयोजन होता है जो पूरे विश्व में प्रसिध्द है। भगवान भोले के भक्तों के लिए सावन महीना एक उत्सव की तरह होता है, आज से मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना के साथ भगवान भोले का यह त्यौहार शुरु हो चुका है।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में महाकाल की विशेष भस्म आरती की गई। भस्म आरती के बाद श्रृंगार कर महाकाल को सुंदर तरीके से सजाया गया। दिल्ली के गौरीशंकर मंदिर में सुबह से ही शिवभक्तों का तांता लग गया। यहां विशेष आरती और पूजा की गई। सावन का दूसरा सोमवार 6 अगस्त, तीसरा सोमवार 13 अगस्त व चौथा सोमवार 20 अगस्त को होगा। सावन का महीना 26 अगस्त को खत्म होगा।
महाकाल मंदिर में सुबह 4 बजे की गई भस्मआरती
#WATCH: Early morning prayers being held at Ujjain"s Mahakal temple on the first Monday of "Sawan" month. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/BzPhraIGJN
— ANI (@ANI) July 29, 2018
उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए लगी भक्तों की कतार
उत्तराखंड, नेपाल और अन्य पहाड़ी इलाकों में 16 जुलाई से ही सावन शुरू हो चुका है। मान्यता है कि सावन के व्रत रखने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और कुंवारी लड़कियों को अच्छा वर मिलता है। इस बार का सावन इसीलिए भी खास है क्योंकि 19 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि सावन का महीना पूरे 30 दिन तक चलेगा। हर-हर बम-बम के जयकारे गूंजने लगे हैं। सावन महीने के पहले सोमवार की पूर्व संध्या पर रामनगरी अयोध्या में कांवड़ियों की भीड़ जुटने लगी है। जलाभिषेक के लिए शिवालयों में तैयारी पूरी हो चुकी है। प्रशासन भी सतर्क है।
सावन महीने को लेकर रामनगरी में धार्मिक अनुष्ठानों का क्रम जारी है। कांवड़ियों के समूह भी अयोध्या में जुटने लगे है। सावन के पहले सोमवार की पूर्व संध्या पर अयोध्या के चौक-चौराहों पर शिव भक्ति में लीन कावंड़ियां समूह में नाचते-गाते नजर आए। सावन के पहले सोमवार पर आज आसपास के जिलों गोंडा, बस्ती, अंबेडकरनगर, टांडा, बलरामपुर आदि से कांवड़ियों की टोलियां अयोध्या के विभिन्न मंदिरों में जलाभिषेक के लिए सरयू जल लेने पहुंच रही हैं। भक्तों की टोलियां सरयू स्नान कर विभिन्न शिवमंदिरों नागेश्वरनाथ, क्षीरेश्वरनाथ आदि में जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक कर रामनगरी के अन्य मंदिरों रामलला, कनकभवन, हनुमानगढ़ी आदि में भी दर्शन-पूजन करती हैं।
इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का है विशेष महत्व
भगवान शिव जहां-जहां प्रगट हुए उन 12 जगहों पर शिवलिंग को ज्योतिर्लिंग के तौर पर पूजते हैं। मान्यता है कि जो भी ज्योतिर्लिंग के दर्शन करता है उसे विशेष फल प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है, कि ज्योतिर्लिंग में शिव का वास होता है।
- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (गुजरात)
- मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (आंध्र प्रदेश)
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (मध्य प्रदेश)
- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (मध्य प्रदेश)
- केदारनाथ ज्योतिर्लिंग (उत्तराखंड)
- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)
- काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग (यूपी)
- त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)
- वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग (झारखंड)
- नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (गुजरात)
- रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग (तमिलनाडु)
- घृष्णेश्वर मन्दिर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)