Margashirsha Kalashtami 2024: जानें काल भैरव जयंती का महत्व, पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

  • कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है कालाष्टमी
  • इस महीने में कालाष्टमी 22 नवंबर को मनाई जाएगी
  • इस दिन लोग भगवान काल भैरव की पूजा करते हैं

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-20 07:16 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में अष्टमी तिथि का बड़ा महत्व बताया गया है, इस दिन भगवान शंकर के रूद्र अवतार काल भैरव जी की पूजा की जाती है। कालाष्टमी के दिन को भैरव जयंती के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि, भगवान शिव इसी दिन भैरव के रूप में प्रकट हुए थे। हर महीने की तरह मार्गशीर्ष महीने में भी कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाएगी, जो कि 22 नवंबर, शुक्रवार को पड़ रही है। इस दिन लोग उपवास रखते हैं और भगवान काल भैरव की पूजा करते हैं। आइए जानते हैं इस दिन का महत्व, पूजन विधि और मुहूर्त...

काल भैरव जयंती का महत्व

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, इस दिन को भगवान काल भैरव की जयंती के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में भगवान काल भैरव या भगवान शिव के भक्तों के लिए इस दिन का अत्यधिक महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि, जो भी व्यक्ति सच्चे मन से कालभैरव की पूजा करता है, उनके घर में शांति और समृद्धि आती है। साथ ही पापों का नाश होता है और उसके जीवन से सभी प्रकार की नकारात्मकता दूर हो जाती है। इसके अलावा काल भैरव की पूजा से कुंडली के ग्रह दोष भी दूर होते हैं।

शुभ मुहूर्त

अष्टमी तिथि आरंभ: 22 नवंबर की शाम 06 बजकर 07 मिनट से

अष्टमी तिथि समापन: 23 नवंबर की शाम 07 बजकर 56 मिनट तक

निशिता मुहूर्त: रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक

इस विधि से करें पूजा

- कालाष्टमी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहनें।

- शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव या भैरव के मंदिर में जाएं और व्रत का संकल्प लें।

- शाम के समय शिव और पार्वती और भैरव जी की पूजा करें।

- इस दिन काल भैरव की पूजा कर उन्हें जल अर्पित करना चाहिए।

- पूजा के दौरान भैरव कथा का पाठ करना चाहिए।

- भगवान शिव-पार्वती की पूजा का भी इस दिन विधान है।

- काल भैरव की पूजा में काले तिल, धूप, दीप, गंध, उड़द आदि का इस्तेमाल करें।

- आज के दिन भगवान भैरव को घर का बना प्रसाद चढ़ाना चाहिए।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष, वास्तुशास्त्री) की सलाह जरूर लें।

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