Masik Krishna Janmashtami: मार्गशीर्ष माह में इस विधि से करें श्री कृष्ण की पूजा, जानिए मुहूर्त

  • कृष्ण जन्माष्टमी 22 नवंबर 2024, शुक्रवार को है
  • श्री कृष्ण चालीसा का चालीसा का पाठ करते हैं
  • इस दिन लड्डू गोपाल की विशेष पूजा की जाती है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-22 12:22 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सनातन धर्म में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का अलग ही महत्व है। वैसे तो देशभर में धूमधाम से आषाढ़ माह में ही जन्माष्टमी मनाई जाती है। लेकिन, इसके अलावा प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भी व्रत रखकर पूरे विधि विधान से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। इसे मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Krishna Janmashtami) के नाम से जाना जाता है। मार्गशीर्ष माह में कृष्ण जन्माष्टमी 22 नवंबर 2024, शुक्रवार को है।

माना जाता है कि, जो भी जातक इस दिन सच्चे मन से प्रभु की पूजा करता है उस संतान और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस खास दिन पर लड्डू गोपाल की विशेष पूजा की जाती है। श्री कृष्ण चालीसा का चालीसा का पाठ करते हैं। वहीं मंदिरों में भजन- कीर्तन किए जाते हैं। इस दिन कैसे करें पूजा, क्या है इसकी विधि और क्या है मुहूर्त? आइए जानते हैं...

तिथि कब से कब तक

अष्टमी तिथि आरंभ: 22 नवंबर की शाम 6 बजकर 7 मिनट से

अष्टमी तिथि समापन: 23 नवंबर की शाम 7 बजकर 56 मिनट तक

इस विधि से करें पूजा

- पूजा करने के दौरान पूजा वाली जगह पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं।

- अब भगवान श्रीकृष्ण और श्रीजी की मूर्ति स्थापित करें।

- फूल चढ़ाने के साथ माखन, मिश्री के साथ तुलसी दल का भोग लगाएं।

- इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष दीप प्रज्वलित करें।

- पूजा के समापन पर भगवान श्रीकृष्ण जन्म कथा पढ़ें या सुने।

- भगवान श्रीकृष्ण की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।

कान्हा जी को इन चीजों का भोग लगाएं

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर आप कान्हा को कुछ विशेष चीजों का भोग लगा सकते हैं, जो उन्हें बेहद पसंद हैं। इनमें दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बनने वाला पंचामृत के अलावा माखन मिश्री, पंजीरी, आटे या धनिए की पंजीरी, खीर, फल और मिठाई का भोग लगा सकते हैं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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