Guru Pradosh Vrat 2024: गुरु प्रदोष व्रत पर इस विधि से करें पूजा, नोट कर लें शुभ मुहूर्त
- पूजा करने से मनोकामना पूर्ण होती है
- प्रदोष व्रत 28 नवंबर, गुरुवार को है
- शाम 6 बजकर 23 मिनट से मुहूर्त है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का बड़ा महत्व बताया गया है, जो कि हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है। वहीं दिन के अनुसार इसे अलग- अलग नामों से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि, जो भी जातक इस दिन शिवजी की पूजा करता है उसकी हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है। साथ ही उसके जीवन में किसी प्रकार का कोई कष्ट नहीं आता।
फिलहाल, कार्तिक मास चल रहा है और इस महीने का प्रदोष व्रत 28 नवंबर 2024, गुरुवार को है। इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा गया है। बता दें कि, प्रदोष व्रत में शिव जी पूजा संध्या काल के बाद ही करना शुभ माना जाता है। इस ही प्रदोष काल कहा गया है। आइए जानते हैं इस व्रत की तिथि, मुहूर्त और पूजा की विधि...
गुरु प्रदोष कब से कब तक
त्रयोदशी तिथि आरंभ: 28 नवंबर 2024, गुरुवार की सुबह 6 बजकर 23 मिनट से
त्रयोदशी तिथि समापन: 29 नवंबर 2024, शुक्रवार की सुबह 09 बजकर 43 मिनट तक
शुभ मुहूर्त: 28 नवंबर की शाम 6 बजकर 23 मिनट से लेकर रात 8 बजे तक
पूजा की विधि
- इस दिन व्रती को ब्रम्हा मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त होना चाहिए।
- इसके बाद साफ कपड़े पहनें और फिर सूर्य निकलने पर अर्ध्य देकर व्रत का संकल्प लें।
- घर के मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें।
- साफ स्थान पर शिवलिंग और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
- शिवलिंग पर दूध, दही, शहद आदि से अभिषेक करें।
- अब “ऊँ नम: शिवाय ” कहते हुए शिव जी को जल अर्पित करें।
- इसके बाद बेलपत्र चढ़ाएं और प्रार्थना करें।
- प्रदोष काल में शिवलिंग के सामने दीपक जलाएं।
- कुश के आसन पर बैठ कर शिव पुराण का पाठ करें।
- विधि विधान से पूजा करने के बाद पारण करें और अन्न ग्रहण करें।
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