Darsh Amavasya 2024: दर्श अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने करें पूजा, इन बातों का रखें ध्यान
- पितरों को श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है
- इस बार 30 नवंबर को पड़ रही है अमावस्या
- स्नान दान और पूजा पाठ का लाभ मिलता है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या तिथि का खासा महत्व बताया गया है। इस दिन पितरों को श्राद्ध और पिंडदान भी किया जाता है। वहीं मार्गशीर्ष मास की अमावस्या को दर्श अमावस्या (Darsha Amavasya) के नाम से जाना जाता है, जो कि इस बार 30 नवंबर, शनिवार को पड़ रही है। हर अमावस्या की तरह इस दिन भी स्नान दान और पूजा पाठ का विशेष लाभ प्राप्त होता है।
इस अमावस्या को लेकर मान्यता है कि इस दिन पूर्वज स्वर्ग से धरती पर आते हैं और अपने परिवार को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। ऐसे में आप यदि आप पितृदोष से ग्रसित हैं और मुक्ति पाना चाहते हैं तो इस दिन आपको पंडित जी से विशेष पूजन कराने के साथ श्राद्ध जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं इस दिन कैसे करें पितरों को प्रसन्न और क्या है पूजा की सामग्री।
अमावस्या तिथि कब से कब तक
तिथि आरंभ: 30 नवंबर 2024, शनिवार की सुबह 10 बजकर 29 मिनट से
तिथि समापन: 01 दिसंबर 2024, रविवार की सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर
पूजा की सामग्री
गाय का दूध, दही, घी, कुशा, काले तिल, और जौ, गंगाजल, पुष्प, अगरबत्ती, दीपक, सफेद वस्त्र और अन्य पूजन सामग्री शामिल है। इसके अलावा विशेष रूप से पितरों का भोजन रखना चाहिए, जिसमें खीर, पूड़ी, सब्जी, और सादा भोजन शामिल किया जा सकता है।
इस विधि से करें पूजा
- दर्श अमावस्या के दिन आप सूर्योदय से पहलें उठें और स्नानादि से निवृत्त हों।
- इस दिन आप हो सके तो गंगा स्नान करें या किसी पवित्र नदी अथवा सरोबर भी जा सकते हैं।
- पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।
- एक पात्र में जल लें और उसमें काले तिल, कुश, गंगाजल और कुछ बूंदे दूध की मिलाएं। इसके बाद दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितरों का नाम लेकर तर्पण करें।
- इस दिन आप पीपल के पेड़ जल जरूर चढ़ाएं साथ ही दीपक जलाएं और धूप दें, क्योंकि इसमें पितरों का वास माना जाता है।
- इस दिन आपको गरीबों को अन्न, वस्त्र आदि भी दान करना चाहिए। इससे पितर खुश होते हैं।
- पितरों को खुश करने के लिए अमावस्या की शाम घी का दीपक जलाकर नदी या तालाब में प्रवाहित करें।
इन बातों का रखें ध्यान
- इस दिन भी चंद्रमा पूजा का काफी महत्व है, हालांकि चंद्र दर्शन पूर्ण रूप से नहीं हो पाते हैं।
- कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर है तो चंद्र देव की पूजा करनी चाहिए।
- इस दिन मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान की पूजा से दांपत्य जीवन की समस्याएं दूर होती हैं।
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