Ashadh Kalashtami Vrat: काल भैरव की पूजा से जीवन में आएगी सुख- समृद्धि, जानिए पूजा की विधि और मुहूर्त

  • काल भैरव की पूजा करने से जीवन में समृद्धि आती है
  • काल भैरव की से हर रोग-दोष से मुक्ति मिलती है
  • कालाष्टमी के दिन व्रत रखकर पूजा की जाती है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-27 05:00 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में अष्टमी तिथि का बड़ा महत्व बताया गया है। वहीं हर महीने की कृष्ण अष्टमी तिथि को कालाष्टमी (Kalashtami) का व्रत रखा जाता है। यह दिन भगवान शिव के रौद्र अवतार माने जाने वाले कालभैरव को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि, इस दिन भगवान काल भैरव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है। साथ ही व्यक्ति को हर रोग-दोष से मुक्ति मिलती है।

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन जातक को व्रत रखना चाहिए। साथ ही भगवान काल भैरव की पूजा करने के साथ 'श्री भैरव चालीसा' का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से काल भैरव की सदैव कृपा बनी रहती है। आषाढ़ माह का पहला कालाष्टमी व्रत 28 जून 2024, शुक्रवार के दिन पड़ रहा है। आइए जानते हैं मुहूर्त और पूजा की विधि...

तिथि कब से कब तक

तिथि आरंभ: 28 जून, शुक्रवार की शाम 04 बजकर 27 मिनट से

तिथि समापन: 29 जून, शनिवार की दोपहर 02 बजकर 19 मिनट तक

निशिता मुहूर्त: 29 जून, शनिवार रात 12 बजकर 05 (AM) से 12 बजकर 45 (AM) तक

इस विधि से करें पूजा

- कालाष्टमी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहनें।

- सूर्य देव को जल अर्पित करें और व्रत का संकल्प लें।

- इसके बाद मंदिर की सफाई करें।

- अब चौकी पर भगवान शिव की मूर्ति विराजमान करें।

- इस दिन काल भैरव की पूजा कर उन्हें जल अर्पित करना चाहिए।

- भगवान काल भैरव को बिल्व पत्र, फल और फूल आदि चीजें अर्पित करें।

- काल भैरव की पूजा में काले तिल, धूप, दीप, गंध, उड़द आदि का इस्तेमाल करें।

- पूजा के दौरान भैरव कथा का पाठ करना चाहिए।

- भगवान शिव-पार्वती की पूजा का भी इस दिन विधान है।

- पूजा के आखिरी में दीपक जलाकर आरती करें। 

भैरव जी की पूजा के दौरान इस मंत्र का उच्चारण करें-

अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्,

भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि!!

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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