Pradosh Vrat: आज है भौम प्रदोष व्रत, जानिए इसकी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
- मंगलवार को आने के कारण इसे भौम प्रदोष कहा गया है
- इस प्रदोष व्रत में हनुमान जी की पूजा का भी महत्व है
- इस व्रत के माध्यम से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का बड़ा महत्व बताया गया है। यह व्रत देवों के देव महादेव को समर्पित है और यह हर महीने की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। इस महीने ये व्रत 15 अक्टूबर 2024 यानि कि आज है। मंगलवार को आने के कारण इसे भौम प्रदोष कहा गया है। वहीं यह दिन मंगल ग्रह से जुड़ा होता है, जिसे ऊर्जा, साहस और साहसिकता का प्रतीक माना जाता है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, मंगलवार के दिन आने वाले प्रदोष व्रत में हनुमान जी की पूजा का भी महत्व माना गया है। इस व्रत के माध्यम से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। साथ ही भौम प्रदोष पर हुनमान जी की पूजा करने पर कुंडली में मंगल दोष से छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं पूजन विधि और इसका महत्व...
प्रदोष व्रत की पूजा विधि
- त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त से तीन घड़ी पूर्व, शिव जी का पूजन करना चाहिए।
- प्रदोष व्रत की पूजा संध्या काल 4:30 बजे से लेकर संध्या 7:00 बजे के बीच की जाती है
- संध्या काल में पुन: स्नान कर स्वच्छ श्वेत वस्त्र धारण कर लें।
- पूजा स्थल अथवा पूजा गृह को शुद्ध कर लें।
- यदि व्रती चाहे तो शिव मंदिर में भी जा कर पूजा कर सकते हैं।
- पांच रंगों से रंगोली बनाकर मंडप तैयार करें।
- पूजन की सभी सामग्री एकत्रित कर लें।
- कुश के आसन पर बैठ कर शिव जी की पूजा विधि-विधान से करें।
- भगवान शिव के समक्ष दीपक जलाएं।
- शिवजी को बिल्व पत्र, धतूरा, आक के फूल और सफेद चंदन अर्पित करें
- शिवलिंग पर जल, दूध और गंगाजल अर्पित करते हुए “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना चाहिए.
- पूजा के आखिरी में भगवान शिव की आरती करें।
हनुमान जी की आराधना करें
भौम प्रदोष की शाम को हनुमान जी के मंदिर जाकर चमेली के तेल का दीपक जलाएं और 11 बार संकटमोचन हनुमाष्टक पाठ करें कुंडली में मंगल दोष का निवारण करने हनुमान जी को हलवा पूरी का भोग लगाएं। इसके बाद इसे गरीबों व जरूरतमंदों को बांटें।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।